Noida – प्राधिकरण अफसरों का वैज्ञानिक दिमाग, विशेषज्ञ बोले- एडवरटाइजिंग पोल और गमलों से खतरा बढ़ा – #INA

Noida News :
नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर सोमवार की सुबह एक सड़क हादसा हो गया। इस घटना में एक कार एडवरटाइजिंग पोल में जाकर टकरा गई। जिसमें तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में तेज रफ्तार कार क्षतिग्रस्त हो गई है।‌ इस मामले में नोएडा पुलिस जांच कर रही है। हालांकि, नोएडा एक्सप्रेसवे पर लगाए गए गमले, सजावटी के साथ जानलेवा भी है। एक्सप्रेसवे जैसे व्यस्ततम महामार्गों पर इस तरह के बड़े-बड़े गमले रखना खतरनाक है। इनसे खूबसूरती नहीं बढ़ रही है। चार वाहन चालकों और छोटे वाहनों के लिए खतरा जरूर बढ़ रहा है। इस मुद्दे को आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल ट्राइसिटी टुडे ने पहले ही नोएडा प्राधिकरण को चेताया था।

सीआरआरआई के विशेषज्ञ बोले- नोएडा एक्सप्रेसवे सबसे खतरनाक रास्ता

ट्राइसिटी टुडे ने इस मसले को लेकर सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट में ट्रैफिक इंजीनियरिंग एंड सेफ्टी डिवीजन के हेड डॉक्टर सुभाष चंद से बात की। वह नोएडा एक्सप्रेसवे को यातायात के लिए बेहद खतरनाक मानते हैं। वह कहते हैं, “मैंने नोएडा एक्सप्रेसवे देखा है। तमाम मर्तबा इस पर यात्रा भी की है। अगर नियम-कायदों और मानकों की बात करूं तो नोएडा एक्सप्रेसवे पर यह सब नदारद है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के मानकों के मुताबिक सेंट्रल वर्ज पर लगे क्रैश बैरियर और सोल्डर पर लगे क्रैश बैरियर के बीच किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। अगर आप नोएडा एक्सप्रेसवे पर देखेंगे तो वहां कच्ची जमीन पर बड़े-बड़े गमले रखे गए हैं। साइन बोर्ड भी क्रैश बैरियर और सड़क के बीच कच्ची जमीन पर लगाए गए हैं। इतना ही नहीं यूरिनल साइनेज, दिशा सूचक बोर्ड, विज्ञापनों के लिए होर्डिंग्स और तमाम दूसरी तरह के निर्माण सड़क की बराबर में क्रैश बैरियर से पहले लगा दिए गए हैं। मेरी नजर में नोएडा एक्सप्रेसवे रोड सेफ्टी के मामले में सबसे खराब रास्ता है। मैं इसे रोड सेफ्टी नहीं रोड हेजार्ड मानता हूं।”

रुकावट बनने वाले निर्माण हटाया जाएं : सुभाष चंद 

सुभाष चंद आगे कहते हैं, “मैंने एनएचएआई की सड़कों का ऑडिट किया है। वहां बाकायदा साफतौर पर नियम है कि दोनों क्रैश बैरियर्स के बीच कुछ भी नहीं होना चाहिए। नोएडा एक्सप्रेसवे पर किसी नियम और मानक का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। सारे नियमों को मनमर्जी से तोड़ा जा रहा है। यह पूरी तरह इस एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले लाखों लोगों की जान को खतरा है। इस दिशा में नोएडा अथॉरिटी को तत्काल काम करना चाहिए। एक्सप्रेसवे पर यातायात के लिए किसी भी तरह की रुकावट बनने वाले निर्माण हटाया जाएं।”

आम आदमी की जान खतरे में डालने वाले निर्माण हटाए जाएं

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) से रिटायर साइंटिस्ट केके शर्मा कहते हैं, “मैं नोएडा शहर में रहता हूं। एक्सप्रेसवे के दोनों और बड़े-बड़े गमले रखे गए हैं। यह पूरी तरह बेतुका है। इससे खूबसूरती नहीं बढ़ रही है, खतरा बढ़ रहा है। यह गमले वाहन चालकों के लिए जानलेवा हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि दोपहिया वाहन चालक इन गमलों से टकराकर मौत के मुंह में जा सकते हैं। रात के अंधेरे में छोटे-बड़े वाहन इन गमलों से टकराते रहते हैं। पता नहीं प्राधिकरण अफसरों ने किस तरह का वैज्ञानिक दिमाग इस्तेमाल किया है। एक्सप्रेसवे जैसे महत्वपूर्ण रास्तों पर छोटे से छोटा निर्माण या बदलाव करने के लिए एनएचएआई, सीआरआरआई और राइट्स जैसे संस्थानों से अध्ययन करवाना जरूरी होता है। नोएडा में मनमर्जी से एक्सप्रेसवे में बदलाव किए जा रहे हैं। इसी वजह से इस रास्ते पर हादसे बढ़ रहे हैं। एक्सप्रेसवे से गमले तत्काल हटाया जाने चाहिए। सड़क और क्रैश बैरियर के बीच कच्ची मिट्टी के सोल्डर पर किए गए निर्माण भी हटाने की बहुत जरूरत है।”

तीन युवकों की दर्दनाक मौत

सोमवार तड़के एक हृदयविदारक सड़क दुर्घटना में तीन युवकों की मौत हो गई। यह घटना थाना सेक्टर 126 क्षेत्र के अंतर्गत मयूर चौराहे के सामने एक्सप्रेसवे पर हुई। एक तेज रफ्तार टाटा टियागो कार (नंबर यूपी 16 डीएन 9881) अनियंत्रित होकर सड़क किनारे के एडवरटाइजिंग पोल से टकरा गई। दुर्घटना में दो सगे भाई ईशान और आर्यन थे, जो नोएडा अथॉरिटी में जेई के पद पर कार्यरत सुनील कश्यप के पुत्र थे। दोनों भाई एक बर्थडे पार्टी से लौट रहे थे। तीसरे व्यक्ति की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। एक शव की पहचान बाकी है। डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर मौजूद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर प्रारंभिक जांच में ब्रेक फेल होने की आशंका जताई गई है।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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