देश – Independence Day 2024: ‘हर घर तिरंगा’ से अब्दुल गफ्फार की चांदी, एका एक बढ़ गई झंडे की डिमांड | independence day 2024 story of abdul ghaffar who making tricolor flag for countrymen for last 60 years stwk- #INA
तिरंग के रंग में रंगे अब्दुल गफ्फार.
राजधानी दिल्ली की सदर बाजार की तंग गलियों में आजादी के महोत्सव का रंग कुछ ज्यादा गाढ़ा है और थोड़ा ज्यादा गहरा भी. इसका कारण हैं अब्दुल गफ्फार, भारत हैंडलूम क्लॉथ हाउस के मालिक, जो कि पिछले 60 बरस से तिरंगा झंडा बनाकर देशभर में भेजते हैं. इंदिरा गांधी के इमरजेंसी के दौर से लेकर अन्ना हजारे के अनशन के दौर तक भारतीय पताका कब, कहां और कितना लहराया गया, उसका हिसाब अब्दुल गफ्फार के पास बखूबी है.
सदर बाजार में स्थित अब्दुल गफ्फार की दुकान ने सन 1965 से आज के नए भारत तक के सभी दौर देखे हैं, लेकिन अब्दुल कहते हैं कि यह नया दौर तिरंगे के लिए सबसे ऐतिहासिक दौर है. वो इसलिए, क्योंकि आज के दौर में वो एक दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा तिरंगे बना रहे हैं, तिरंगे की डिमांड बहुत हाई है.
24 घंटे चल रहा तिरंगा बनाने काम
अब्दुल गफ्फार बताते हैं कि एक समय था, जब हम एक दिन में केवल तीन से चार हजार तिरंगा ही बनाया करते थे, लेकिन सरकार के हर घर तिरंगा अभियान ने पूरी सूरत बदल दी और आज देशभर के सभी राज्यों से तिरंगा की बहुत भारी डिमांड आ रही है. इसके चलते हमें 24 घंटे काम करना पड़ रहा है. अब्दुल गफ्फार के अनुसार, डिमांड इतनी ज्यादा है कि कारीगरों की संख्या दोगुनी करनी पड़ी है. साथ ही चार शिफ्टों में काम हो रहा है.
ये भी पढ़ें
हर घर तिरंगा से मिला लोगों को रोजगार
जानकारी के मुताबिक, ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से हजारों लोगों को रोजगार भी मिला है. अब्दुल की दुकान पर लगभग चार हजार कारीगर काम कर रहे हैं, जिन्हें हर दिन एक हजार रुपए मिल रहे हैं. इसमें अधिकांश मुस्लिम समाज के लोग हैं, जिनमें ज्यादा महिलाएं शामिल हैं. अब्दुल गफ्फार झंडेवाले के नाम से मशहूर सदर बाजार के व्यापारी हैं. वह कहते हैं कि हमारी दुकान देश की पहली दुकान थी, जिन्होंने झंडे बनाने की शुरुआत की थी.
1984 में एक दिन में बनाए 5 लाख झंडे
अब्लुद गफ्फार सन 1984 के दौर को याद करते हुए बताते हैं कि उस चुनाव में हमने एक दिन में पांच लाख झंडे बनाने का काम भी किया था. यह काम 10 हजार महिलाएं द्वारा किया गया था. हर घर से 5 हजार झंडे बनकर आया करते थे. गफ्फार बताते हैं कि उन्हें इंदिरा गांधी, लाल कृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी बहुत स्नेह करते थे और बच्चा समझ कर काम भी देते थे. उन्होंने कांग्रेस पार्टी, जन संघ और कई दलों के लिए काम किया है.
आज भी हाथ वाले छोटे झंडों से लेकर राज्यों के रेलवे स्टेशन और बॉर्डर पर लगे पोल पर बड़े से बड़े झंडे सदर बाजार की इस दुकान से जा रहे हैं. अब्दुल की दुकान पर तिरंगे के अलावा राजनीतिक दलों के पार्टी के झंडे भी बनाए जाते हैं.
.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link