Noida – प्राधिकरण में रिटायर्ड अफसरों की नियुक्ति पर विवाद, जानिए क्यों – #INA

Greater Noida News :
प्राधिकरण में हाल ही में किए गए प्रशासनिक निर्णयों ने विवाद की स्थिति उत्पन्न कर दी है। प्राधिकरण के मूल अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि दूसरे विभागों से रिटायर हो चुके बुजुर्ग अधिकारियों को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। यह निर्णय प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) लक्ष्मी एस की ओर से जारी किया गया है।

फरवरी 2025 तक कार्यकाल बढ़ाया

जारी किए गए आदेश के अनुसार तीन रिटायर्ड अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। इनमें महाप्रबंधक (सिविल) और उप महाप्रबंधक (सिविल) जैसे पद शामिल हैं। इन अधिकारियों को प्राधिकरण के इंजीनियरिंग विभाग से संबंधित कार्यों पर हस्ताक्षर करने की भी अनुमति दी गई है, हालांकि उन्हें कनिष्ठ प्रभार सौंपा गया है। साथ ही परियोजना विभाग के डिविज़नों का भी बंटवारा कर दिया गया है। जिसमें 21 अगस्त 2024 से 20 फरवरी 2025 तक के लिए इन अधिकारियों को छह महीने का कार्यकाल दिया गया है।

इनको दी जिम्मेदारी

जिन अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, उनमें पोषपाल सिंह को महाप्रबंधक (सिविल वर्क सर्कल 1, 2, 3) का कनिष्ठ प्रभार दिया गया है, जबकि रविंदर सिंह को वर्क सर्कल 5 और 6 का प्रभारी महाप्रबंधक और ऋपिाल सिंह को वर्क सर्कल 4 और 7 का प्रभारी महाप्रबंधक बनाया गया है।

अब शुरू हुआ विवाद

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में काम कर चुके जानकारों का मानना है कि इन रिटायर्ड अधिकारियों को प्राधिकरण के वर्क कल्चर की जानकारी नहीं है और उन्हें इसे समझने में ही छह महीने का समय लग सकता है। इससे प्राधिकरण में भ्रष्टाचार बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है।

लोगों की प्रतिक्रिया आई

समाजसेवी अनूप राज सिंह का कहना है कि बाहरी लोगों की इस तरह की नियुक्ति से शहर के विकास की गति भी प्रभावित हो सकती है। प्राधिकरण के विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अगर पहले से तैनात महाप्रबंधकों को ही स्थानांतरित किया जाता, तो यह निर्णय अधिक उपयुक्त होता। विशेषज्ञों ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि प्राइवेट और रिटायर्ड अधिकारियों को प्रमुख पदों पर बैठाने से प्राधिकरण को नुकसान हो सकता है, जिससे ग्रेटर नोएडा के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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