देश – LG से तालमेल, केजरीवाल के वादे, लंबित स्कीम… CM आतिशी के सामने होंगी कई चुनौतियां- #INA
दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की चुनौतियां
Delhi New CM Atishi: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी ने शनिवार को शपथ ले लिया है. उनके साथ दिल्ली के नए मंत्रिमंडल को भी शपथ दिलाया गया है. वहीं, दिल्ली की नई सीएम आतिशी के समक्ष आने वाले पांच महीनों में कई चुनौतियां होंगी. उन्हें अब नए मंत्रिमंडल के पास लंबित परियोजनाओं को गति देने की बड़ी जिम्मेवारी है. आतिशी के सामने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की जाने वाली नई पहल की एक लंबी सूची है.
आतिशी को दिल्ली सरकार के कामकाज में तेजी लाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा. साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रमुख परियोजनाएं और योजनाएं फिर से पटरी पर आ जाएं, जो अरविंद केजरीवाल के कारावास के कारण महीनों तक धीमी रही थी. पार्टी के नेताओं का दावा है कि AAP मुखिया के जेल में होने के कारण सरकार धन की कमी के कारण कई मुद्दों को हल करने के लिए संघर्ष कर रही है.
केजरीवाल के वादे को पूरा करने की जिम्मेवारी
आबकारी नीति मामले में केजरीवाल करीब पांच महीने से न्यायिक हिरासत थे. सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्हें इसी महीने जमानत मिली है. उनकी गैरमौजूदगी में आम आदमी पार्टी सरकार धन की कमी की वजह से सड़क, जलापूर्ति, सीवर और दवाओं सहित मूलभूत सेवाओं और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए संघर्ष कर रही है. जैसा कि पार्टी नेताओं ने दावा किया है.
बतौर सीएम आतिशी को अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बचे कार्यकाल के दौरान इन मुद्दों से निपटना होगा. इसके अलावा, उन्हें प्रस्तावित ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत दिल्ली में पात्र महिलाओं को 1,000 रुपये भी देना है. दिल्ली विद्युत वाहन नीति 2.0 और सौर नीति को मंजूरी देना. आतिशी को चुनाव से पहले केजरीवाल के इस वादे को लागू करना भी सुनिश्चित करना होगा.
LG के साथ तालमेल बिठाना भी बड़ी चुनौती होगी
इसके साथ ही नई मुख्यमंत्री कल्याणकारी योजनाओं के लंबित कार्यों में तेजी लाने के लिए बैठकों में भी शामिल होंगी. इसके तहत उन्हें सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज, प्रदूषण, सब्सिडी वितरण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के वेतन संशोधन से संबंधित कई परियोजनाएं शामिल हैं. हालांकि, आतिशी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ तालमेल स्थापित करना होगा.
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दिल्ली सरकार के कई प्रशासनिक कामकाज के साथ-साथ विकास कार्यों के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता होती है. इसके लिए आतिशी को उपराज्यपाल वी के सक्सेना के साथ तालमेल बिठाना भी एक बड़ी चुनौती होगी. अधिकारियों के मुताबिक, आतिशी मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने के साथ ही आने वाले हफ्तों में मोहल्ला क्लिनिक और प्रीमियम बसों, अस्पतालों, स्कूलों के उद्घाटन और नई परियोजनाएं को शुरू कर सकती हैं.
अगले कुछ महीनों में उनके दो लक्ष्य होंगे- आतिशी
केजरीवाल की जगह मुख्यमंत्री नामित किए जाने पर आतिशी ने कहा था कि अगले कुछ महीनों में उनके दो लक्ष्य होंगे, जिनमें आप सरकार की मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, महिलाओं के लिए बस यात्रा, बुजुर्गों के लिए तीर्थयात्रा जैसी योजनाओं को रोकने के बीजेपी के कथित प्रयासों के खिलाफ दिल्लीवासियों के हितों की रक्षा करना शामिल है.
आतिशी के अनुसार, उनका दूसरा लक्ष्य अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद पर केजरीवाल की वापसी सुनिश्चित करना होगा. आतिशी ने कहा है कि उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. वह केजरीवाल के मार्गदर्शन में सरकार चलाएंगी.
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