Noida – चेयरमैन मोहिंदर सिंह के बाद रमा रमण और संजीव सरन रडार पर, कई आईएएस अफसरों के नाम खुले – #INA
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समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल के दौरान हुए बहुचर्चित जमीन घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में पूर्व नोएडा अथॉरिटी के सीईओ और चेयरमैन मोहिंदर सिंह के घर और कारोबारी ठिकानों पर छापेमारी के बाद करोड़ों की संपत्ति जब्त होने के बाद अब कई अन्य रिटायर्ड आईएएस अधिकारी भी ईडी के रडार पर आ गए हैं। इनमें सबसे बड़े नाम नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ रमा रमण और संजीव सरन के हैं।
वर्ष 2010 से 2016 के बीच हुआ बड़ा घोटाला
ईडी अब उन सभी अफसरों की भूमिका की गहनता से जांच कर रही है। जिन्होंने वर्ष 2010 से 2016 के बीच नोएडा अथॉरिटी में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। रिटायर्ड सीईओ मोहिंदर सिंह के बाद ईडी का ध्यान अब रमा रमण और संजीव सरन जैसे अधिकारियों की ओर मुड़ गया है। जिनके कार्यकाल के दौरान कथित रूप से कई जमीन घोटाले हुए थे।
होटल लैंड अलॉटमेंट में गड़बड़ी
रमा रमण तीन साल से अधिक समय तक नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रहे और संजीव सरन दो बार सीईओ के पद पर तैनात रहे। रमा रमण के कार्यकाल में हुए कथित घोटालों के दस्तावेज़ों को एकत्र करने में ईडी की टीम जुट गई है। इसके साथ ही संजीव सरन के खिलाफ होटल लैंड अलॉटमेंट में गड़बड़ी को लेकर पहले से ही मामला दर्ज है, जिसे अब जांच में शामिल किया जा रहा है।
‘लोटस 300’ प्रोजेक्ट में 426 करोड़ की धोखाधड़ी की जांच
हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ‘लोटस 300’ प्रोजेक्ट्स के जरिए निवेशकों से 426 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला भी अब जांच का हिस्सा बन गया है। इस घोटाले में शामिल संस्थाओं और प्रमोटरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। ईडी अब इस प्रोजेक्ट से जुड़े कई अफसरों और बिल्डरों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
संजीव सरन पर पहले से ही चल रही जांच
संजय सरन का नाम जमीन आवंटन से जुड़ी गड़बड़ियों के मामलों में पहले से ही उछलता रहा है। वर्ष 2005 से 2007 के दौरान उनके पहले कार्यकाल में नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन राकेश बहादुर के साथ होटल लैंड अलॉटमेंट घोटाले का मामला हाई कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इसके बाद वर्ष 2012 में संजीव सरन को दोबारा सीईओ नियुक्त किया गया, लेकिन जनवरी 2013 में उन्हें फिर से पद से हटा दिया गया।
हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
जब संजीव सरन और राकेश बहादुर को दूसरी बार नोएडा अथॉरिटी में तैनात किया गया तो इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने पूछा था, “क्या इनका जन्म नोएडा में तैनात होने के लिए हुआ है?” कोर्ट ने नवंबर वर्ष 2012 में दोनों अधिकारियों को उनके पदों से हटाने और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी अन्य पद पर तैनात न करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद तत्कालीन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई थी।
मोहिंदर सिंह को 5 अक्टूबर को फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया
ईडी ने मोहिंदर सिंह को 5 अक्टूबर को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले भी ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। ईडी ने साफ कर दिया है कि अगर इस बार भी वह पेश नहीं होते हैं तो आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब ईडी अन्य आरोपियों को भी नोटिस भेजकर जांच प्रक्रिया में शामिल करने की तैयारी कर रही है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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