यूपी- दो स्कूल खोले और शुरू कर दिया जाली नोटों का गोरखधंधा, 4 आधार कार्डों पर खुद का फोटो… चौंका देगी इस गैंगस्टर की कहानी – INA
उत्तर प्रदेश की गाजीपुर पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह के तीन सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है. ये कार्रवाई जिलाधिकारी के आदेश पर की गई है. गिरोह का सरगना भी इसमें शामिल है. वह बहुत ही शातिर किस्म का अपराधी है. पुलिस खुलासे में उसके खिलाफ कई चौंकाने वाले मामले सामने आए. मास्टरमाइंड विजय भारती अपने स्कूल के कैंपस में नकली नोट छापता था. उसने आज तक अपना असली आधार कार्ड नहीं बनवाया. वह फर्जी आधार कार्ड से काम चलता था.
पुलिस के मुताबिक, विजय भारती नकली नोट छापने का काम करता था. उसने स्कूल कैंपस में नकली नोट छापने की मशीन लगा रही थी. उसकी तलाश में 13 जिलों की पुलिस लगी हुई थी. पुलिस ने उसे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 99 हजार रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था. उसे शिवकुमार पंडित के नाम से भी जाना जाता है. विजय भारती ने इसके पूर्व एनजीओ बनाकर एलआईसी के साथ भी काम किया था. उस समय वह एलआईसी का बड़ा एजेंट भी था.
नहीं बनवाया असली आधार कार्ड
पुलिस की जांच में पता चला था कि शिवकुमार ने अपने पूरे जीवन काल में अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया था. लेकिन उसने चार फर्जी आधार कार्ड में अपना फोटो लगवाया. पुलिस के मुताबिक, वह कोई भी क्राइम अपने असली नाम विजय भारती के नाम से नहीं करता था. उसकी गिरफ्तारी के वक्त पुलिस अधीक्षक गाजीपुर ने प्रेस वार्ता कर बताया था कि आरोपी ने वाराणसी जिले के चौबेपुर में डालिम्स सनबीम स्कूल की फ्रेंचाइजी ली थी. उसने अपने पार्टनर के साथ गोलमाल कर स्कूल को अपने नाम कर लिया.
स्कूल में छापता था नकली नोट
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी ने इसी नाम का एक स्कूल आजमगढ़ के मेहनाजपुर में भी खोला था. जहां पर वह नकली नोट छापने की मशीन लगाया हुआ था. वहां पर कुछ युवकों के साथ मिलकर वह नकली नोट छापने का काम करता था. थानाध्यक्ष खानपुर प्रवीण यादव ने इसी मामले में इन आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 3 (1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि शिव शंकर पंडित को अप्रैल 2024 में 500 के 30 नकली नोट, 200 के 18 और 100 के 73 नकली नोटों के साथ ही नकली नोट छापने की मशीन व पेपर के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 3(1) उत्तर प्रदेश गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 की परिधि में लाते हुए मुकदमा दर्ज किया.
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