Noida – नोएडा के बाजारों में पार्किंग की समस्या होगी खत्म, प्राधिकरण ने बनाया हाईटेक प्लान – #INA
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नोएडा के बाजारों में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की होती है। आए दिन इस समस्या को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की खबरें भी वायरल होती हैं। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर यूजर नोएडा प्राधिकरण को जमकर ट्रोल भी करते हैं। इस समस्या को लेकर प्राधिकरण में अभी प्लान तैयार किया है।
पांच मंजिला पजल पार्किंग में खड़े होंगे 50 वाहन
दरअसल, अब नोएडा के बाजारों में ऑटोमेटेड पजल पार्किंग बनाई जाएगी। पहले चरण में इसे नोएडा प्राधिकरण के बाहर बनाया जाएगा। इस पार्किंग की क्षमता पांच मंजिल और 50 वाहनों की होगी। इसके बाद इसे दो अन्य बाजारों में बनाया जाएगा। वहां इसकी क्षमता 100 वाहनों के आसपास रखी जाएगी। हाल ही में कंपनी ने प्राधिकरण में प्रेजेंटेशन दिया था। जिसे मंजूरी मिल गई। इसे लेकर प्राधिकरण अधिकारी ने बताया कि नोएडा के लिए इस तरह की पार्किंग जरूरी हो गई है। यहां भीड़भाड़ वाले इलाकों में इस तरह की पार्किंग बनाने पर विचार किया जा रहा है। एक कंपनी की ओर से प्रेजेंटेशन दिया गया। यह कंपनी दिल्ली में कई जगहों पर पजल पार्किंग संचालित कर रही है। नोएडा में इसके लिए आरएफपी जारी की जाएगी। जिसमें कंपनी का चयन किया जाएगा।
हर फ्लोर पर पार्क होगी पांच कारें
स पूरे काम में करीब 3 से 6 मिनट का समय लगता है। यानी अगर आप मल्टी लेवल और हाइड्रोलिक या दूसरी जगहों पर पार्क करते हैं तो आपको कार निकालने और पार्क करने में 15 से 20 मिनट का समय लगता है। लेकिन इसमें कार 3 से 6 मिनट ही लेती है और बाहर भी आ जाती है। नोएडा में पांच मंजिल वाली ऑटोमेटेड पजल पार्किंग पर विचार किया जा रहा है। हर फ्लोर पर पांच कारें आसानी से पार्क की जा सकेंगी।
पार्किंग निर्माण में जगह नहीं लेती
इस तरह की पार्किंग के निर्माण के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती। इसे बहुत कम जगह में पांच से छह मंजिल तक बनाया जा सकता है। यह पूरी पार्किंग सेंसर आधारित है। इसलिए चोरी या टूटने का खतरा नहीं है। एक स्लॉट बनाने में करीब 8 लाख का खर्च आता है। यानी करीब 4 करोड़ में 50 स्लॉट वाली पार्किंग बनकर तैयार हो जाएगी। इसके संचालन के लिए ज्यादा स्टाफ की जरूरत नहीं होगी।
जानिए खासियत
दरअसल यह पार्किंग ऑटोमेटेड है। इसमें गाड़ियां जमीन से एक मंजिल से दूसरी मंजिल पर शिफ्ट होती हैं। उसी तरीके से नीचे आती हैं। यह पूरा काम मशीनों के जरिए होता है। इसलिए इसमें सेंसर लगाए गए हैं। अगर गलती से कोई बच्चा या जानवर पार्किंग में घुस जाता है तो गाड़ी अपने आप जहां है वहीं स्थिर हो जाएगी। नीचे नहीं आएगी, ताकि कोई उसके नीचे न दब जाए। इसकी रेंज तय की जा सकती है। जिसे पीली लाइन से दर्शाया जा सकता है।
हाईटेक है पजल पार्किंग
ऑटोमेटेड पजल पार्किंग एक पजल गेम की तरह है। जिसमें जितने पार्किंग स्लॉट हैं, उतने ही स्टैंड हैं। जो घंटियों को ऊपर, नीचे, दाएं और बाएं घुमाते हैं। इसे ऐसे समझें, एक कार पार्किंग के लिए आती है। उसे जमीन पर बने स्टैंड पर पार्क किया जाता है। कार को पांचवीं मंजिल पर पार्क करना होता है। ऐसे में सेंसर के जरिए पूरा स्टैंड कार के साथ ऊपर उठ जाएगा और पांचवीं मंजिल पर जाकर सेट हो जाएगा। दूसरा स्टैंड अपने आप नीचे खाली जगह पर शिफ्ट हो जाएगा।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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