Noida – कपिल मान के मौसेरे भाई को पुलिस ने दबोचा, लेडी डॉन काजल से मिला था सुराग – #INA
Noida News :
बीते 19 जनवरी 2024 को दिनदहाड़े एयर इंडिया क्रू मेंबर सूरज मान की हत्या के मामले में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस हत्याकांड में शामिल आरोपी और कुख्यात गैंगस्टर कपिल मान के मौसेरे भाई संजीत मान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। संजीत की गिरफ्तारी इस मामले में 11वीं है। इससे पहले पुलिस ने इस हत्या से जुड़े 10 अन्य आरोपियों को भी दबोच लिया था।
अभी मुख्य शूटर की तलाश हो रही
नोएडा पुलिस ने बताया कि संजीत मान पिछले कई महीनों से फरार था और जल्द ही पुलिस उसके खिलाफ इनाम घोषित करने की तैयारी कर रही थी। संजीत की गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने इस मामले में एक और महत्वपूर्ण कड़ी को तोड़ा है। हालांकि, पुलिस को अभी भी तीसरे शूटर की तलाश है। जिसने हत्या को अंजाम दिया था। साथ ही दो अन्य आरोपी भी फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए नोएडा पुलिस की तीन टीमें लगातार संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
काजल खत्री की गिरफ्तारी से मिले अहम सुराग
इससे पहले पिछले महीने 18 तारीख को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गैंगस्टर कपिल मान की पत्नी काजल खत्री को गिरफ्तार किया था। काजल पर आरोप था कि उसने सूरज मान की हत्या की साजिश रची थी और इस मामले में पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। काजल को एक दिन की रिमांड पर नोएडा पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसके दौरान उसने संजीत मान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। काजल से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस ने संजीत की तलाश शुरू की और गुप्त तरीके से ऑपरेशन चलाकर उसे गिरफ्तार करने में सफलता पाई।
गैंगवार का पुराना इतिहास
संजीत मान पर आरोप है कि उसने कपिल मान के कहने पर सूरज मान की हत्या की योजना बनाई थी। कपिल मान और प्रवेश मान के बीच लंबे समय से गैंगवार चल रही थी, जिसमें अब तक छह लोगों की जान जा चुकी है। यह गैंगवार सूरज मान की हत्या का कारण मानी जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी से इस मामले के सभी रहस्यों का पर्दाफाश हो जाएगा।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link