Noida – करवा चौथ पर 46 साल पहले बनी थी पहली फिल्म, बेटे की जगह महिला ने दिया था सांप को जन्म – #INA
Greater Noida News :
करवाचौथ का यह त्योहार पारंपरिक रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता था, लेकिन पिछले कुछ दशकों में इसे देशभर में लोकप्रिय बनाने का श्रेय बॉलीवुड और टीवी सीरियल्स को जाता है। फिल्मों में करवाचौथ से जुड़ी भावनात्मक और रोमांटिक कहानियों ने इस त्योहार को हर कोने तक पहुंचाया है। आज यह त्योहार न केवल शहरों बल्कि छोटे कस्बों और गांवों में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है।
46 साल पुरानी फिल्म की दिलचस्प कहानी
बॉलीवुड में करवाचौथ पर आधारित कई दृश्य और गाने आज भी यादगार माने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 46 साल पहले ही करवाचौथ पर एक पूरी फिल्म बनाई गई थी? साल 1978 में आई फिल्म “करवाचौथ” आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय है। इस फिल्म को यूट्यूब पर लोग आज भी देखते हैं और इसके अनोखे कथानक को सराहते हैं।
मंगला पर है स्टोरी
फिल्म का निर्देशन राम लाल हंस ने किया था। जिनके निर्देशन में यह उनकी पहली और अंतिम फिल्म थी। फिल्म में आगा, जयदेव भांबरी और दिनेश चतुर्वेदी मुख्य भूमिकाओं में नजर आए थे। फिल्म की कहानी भी बेहद दिलचस्प थी। इसमें मंगला नाम की नायिका अपनी विधवा मां और सात भाइयों के साथ रहती है। उसकी शादी की उम्र हो चुकी होती है। अमीर आदमी बांके ठाकुर उससे विवाह की इच्छा जताता है, लेकिन मंगला उसे ठुकरा देती है। मंगला को आनंद नामक युवक से प्यार हो जाता है। दोनों साथ भाग जाते हैं। इसके बाद एक चौंकाने वाला मोड़ आता है जब मंगला एक बच्चे के बजाय सांप को जन्म देती है। इस अजीबोगरीब घटना से उसकी मौत हो जाती है।
अनोखी और रहस्यमयी कहानी
यह फिल्म करवाचौथ से जुड़ी एक अनोखी और रहस्यमयी कहानी पेश करती है, जो आज भी पुराने सिनेमा प्रेमियों के दिलों में बसी हुई है। हालांकि यह फिल्म उस समय की मुख्यधारा की फिल्मों से अलग थी, लेकिन इसका अनूठा प्लॉट और त्योहार से जुड़ी कहानी लोगों को प्रभावित करने में सफल रही।
बाजारों में करवाचौथ की रौनक
त्योहार के दिन बाजारों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। पूजा की थालियां, करवे, सजावटी सामान और पारंपरिक परिधानों की धूम मची हुई है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रख रही हैं और शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत तोड़ेंगी। करवा चौथ की इस परंपरा में प्रेम और समर्पण की गहराई झलकती है। हर साल यह त्योहार आधुनिकता के बावजूद अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा हुआ है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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