Noida – तेजी से हो रहा अवैध निर्माण, कई लोगों की मौत के बाद नहीं खुली आंखें – #INA
Greater Noida News :
ग्रेटर नोएडा वेस्ट का तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र शाहबेरी इन दिनों अवैध निर्माण और भूमि माफिया की बढ़ती गतिविधियों के कारण सुर्खियों में है। सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट ‘स्टेटस को’ आदेश के बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी और भूमाफिया आपसी मिलीभगत से इस क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का निर्माण करके बिक्री करते नजर आ रहे हैं। इसका सबसे अधिक शिकार भोले-भाले लोग बन रहे हैं, जिन्हें नियमों की अनदेखी कर ठगा जा रहा है।
यहां पर हो रहा तेजी से निर्माण
शाहबेरी के कई खसरों (226, 223, 271, 272, 274, 276, 284, 250, 286, 290, 296, 298 और 302) पर अवैध रूप से प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं। इस निर्माण कार्य को रोकने के लिए प्राधिकरण के कुछ अधिकारी नाकाम रहे हैं। आरोप है कि इन अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन पर कब्जा करके कॉलोनियां बनाई जा रही हैं। पहले भी इस क्षेत्र में अवैध निर्माण की वजह से हादसे हुए हैं। जिनमें 9 लोगों की जान जा चुकी है। इस हादसे की जांच में पुलिस और प्राधिकरण के अधिकारियों की संलिप्तता भी पाई गई थी, लेकिन अब तक किसी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट का शहर का “दिल”
शाहबेरी में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं और यह क्षेत्र निवेशकों के लिए प्रमुख पसंद बनता जा रहा है। आस-पास के बड़े बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स के चलते इस क्षेत्र में जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। यही वजह है कि शाहबेरी को ग्रेटर नोएडा वेस्ट का “दिल” भी कहा जाने लगा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा इलाके में पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए ट्यूबवेल पर भी भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है और वहां गाड़ियों की धुलाई का अवैध धंधा चलाया जा रहा है। इसके अलावा शाहबेरी में स्थित सैकड़ों बीघा शत्रु संपत्ति पर भी भूमाफिया का कब्जा हो गया है।
योगी आदित्यनाथ के पास पहुंचा मामला
ग्रेटर नोएडा संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर शाहबेरी में हो रहे अवैध निर्माण पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि यह क्षेत्र “लाशों के ढेर पर बसा हुआ” और यहां कई कमजोर इमारतें हैं, जो कभी भी गिर सकती हैं। त्योहारों के दौरान क्षेत्र में अवैध गतिविधि और भी बढ़ जाती हैं, जिससे स्थानीय निवासियों की सुरक्षा पर सवाल उठ खड़े होते हैं।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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