देश – Delhi Pollution: दिवाली से पहले दिल्ली में धुंध की चादर, हवा में घुला जहर; खतरनाक श्रेणी पर पहुंचा AQI- #INA

दिल्ली का एक्यूआई लेवल कितना है?

दिवाली नजदीक आ रही है. पटाखों के शोर सुनाई देने शुरू हो गए हैं. शोर के अलावा हवा में इसका जहर भी घुलने लगा है. राजधानी में लोग खराब हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. दिवाली के पहले दिल्ली से सटे हुए राज्यों में पराली जलाने के कारण हवा का स्तर खराब और बेहद खराब के श्रेणी तक पहुंच गया है.

एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, आम दिनों की तुलना में इस समय दिल्ली में सास संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में बढ़त देखने को मिली है. करीब 30-40 फीसदी की बढ़त के साथ मरीज सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं. आज भी दिल्ली के ज्यादातर इलाकों की हवा खराब श्रेणी में बनी हुई है.

कहां कितना है AQI?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, मुंडका(भीम नगर) में 338, वजीरपुर में 309, पंजाबी बाग 289, द्वारका सेक्टर-8 269, रोहिणी में 291, आरकेपुर में 297, जहांगीरपुर में 306, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 309, सोनिया विहार में 313 AQI है. इनमें से कुछ इलाके ‘बहुत खराब श्रेणी’ और कुछ ‘खराब श्रेणी’ के एक्यूआई लेवल पर हैं.

कहां पर जलाई गई सबसे ज्यादा पराली?

आईसीएआर रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा पंजाब में पराली जलाने के 1749 मामले सामने आए हैं. पंजाब के बाद हरियाणा में 689, उत्तर प्रदेश में 849, राजस्थान में 442 जगहों पर किसानों ने पराली को जलाया है. इन सबका असर दिल्ली की हवा में देखने को मिल रहा है. दिल्ली एनसीआर का प्रदूषित गैस चैंबर बनने के कारण लोग घरों से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं.

8 साल में सबसे ज्यादा प्रदूषित

दिवाली के जश्न के बाद दिल्ली की हवा के और जहरीले होने के आसार हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार राजधानी पिछले 8 सालों में सबसे ज्यादा प्रदूषित रह सकती है. दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा पराली जलाने के कारण प्रदूषित हो रही है.

डॉक्टरों का कहना है कि सांस संबंधी बीमारियों को मरीजों को इस समय अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है. बुजुर्ग बिना किसी जरूरत के घर से बाहर निकलना टालें. साथ ही मास्क का इस्तेमाल करें. किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

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