Noida – आज से नहाय खाय के साथ शुरू होगा त्योहार, जिले भर में सैंकड़ों स्थानों पर होगी पूजा – #INA

Noida News :
नहाय खाय के साथ मंगलवार से छठ महापर्व की शुरुआत होगी, जब व्रति अपने घरों की साफ-सफाई करके स्नान करेंगे और कद्दू-चने की दाल की सब्जी के साथ चावल का भोग ग्रहण करेंगे। इस वर्ष छठ महापर्व जिले भर में सैंकड़ों स्थानों पर छठ का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। पूजा समितियों ने घाटों की सजावट और अन्य तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। सेक्टर-75 में छठ पूजा समिति के पदाधिकारियों के अनुसार मंगलवार को छठ मैया की स्थापना की जाएगी। इस दिन के बाद बुधवार को खरना का पर्व मनाया जाएगा, जब व्रति गुड़ और दूध से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण करेंगे और 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करेंगे।

खरना का प्रसाद ग्रहण करने से शुद्ध हो जाते हैं शरीर और मन 

छठ महापर्व का एक अहम हिस्सा खरना होता है, जो विशेष रूप से सूर्य उपासना से पहले मनाया जाता है। खरने के दिन व्रति महिलाएं और पुरुष दिनभर उपवासी रहते हैं और शाम के समय गुड़ और गन्ने के रस से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह प्रसाद नए मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है और व्रति इसे अपने हाथों से पकाती हैं। मान्यता है कि खरना का प्रसाद ग्रहण करने से व्रति का शरीर और मन दोनों शुद्ध हो जाते हैं। इस दिन विशेष रूप से व्रति और परिवारजन एकत्र होकर खीर का प्रसाद साझा करते हैं और पर्व की शुरुआत को पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हैं।

जोर-शोर से चल रही छठ पूजा की तैयारियां 

जिले के विभिन्न स्थानों पर छठ पूजा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। नोएडा के सेक्टर-21 स्थित नोएडा स्टेडियम, सेक्टर-75, सेक्टर-62, यमुना और हिंडन नदियों के तट, सेक्टर-12, 22, 31, 45, 61, 66, 82, 93, 105, 110, हाजीपुर, सदरपुर, भंगेल, गेझा, छिजारसी, चोटपुर, मामूरा,मोरना सहित नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सेंकड़ों क्षेत्रों में घाटों की सजावट की जा रही है। यहां के पार्कों, हरित पट्टियों और तालाबों के तटों पर श्रद्धालु पूजा के लिए तैयारियां कर रहे हैं।  इस पर्व में श्रद्धालु खासतौर पर सूर्य देवता की पूजा और अर्घ्य अर्पित करते हैं, जो आस्था और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।

5 नवंबर नहाय-खाय-
छठ महापर्व के पहले दिन महिलाएं साफ-सफाई और स्नान के बाद शाम को लौकी, दाल मिली सब्जी और चावल खाकर व्रत शुरू करेंगी। 

6 नवंबर खरना-
सुबह स्नान के बाद व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जल उपवास रखती हैं। शाम को सूर्यास्त के बाद पूजा कर खीर-रोटी का प्रसाद खाती हैं। 

7 नवंबर पहला अर्घ्य-
गुरुवार को सूर्यास्त के समय नदी या घाट के पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। 

8 नवंबर दूसरा अर्घ्य-
शुक्रवार को सूर्योदय के समय दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। 

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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