देश – दिल्ली: मकबरे पर RWA का कब्जा, SC ने कहा-ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई?- #INA

सुप्रीम कोर्ट.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में डिफेंस कॉलोनी में मकबरे (शेख अली की गुमती) पर RWA (Resident Welfare Association) (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिशन) के अवैध कब्जे के मामले पर कड़ी नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने RWA को फटकार लगाते हुए कहा, हाऊ डेयर यू, आप ऐसा कैसे कर सकते हैं. इस केस में कोर्ट ने अगस्त में सीबीआई जांच का निर्देश दिया था. सीबीआई ने कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी, रिपोर्ट को देखने के बाद जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आपकी (आरडब्ल्यूए) इस मकबरे में दाखिल होने की हिम्मत कैसे हुई? आरडब्ल्यूए के वकील ने कहा कि हम वहां दशकों से थे. जस्टिस धूलिया ने कहा कि ये कैसा तर्क है? जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि इसकी मंजूरी नहीं दी जा सकती. इसके जवाब में वकील ने कहा कि हम नहीं होंगे तो असामाजिक तत्व वहां आएंगे. जस्टिस धूलिया ने कहा कि आप उन अंग्रेजी शासकों की तरह बोल रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया था कि दिल्ली का नागरिक निकाय (Delhi Civic Body) मकबरे के इर्द-गिर्द मौजूद जमीन पर शॉपिंग प्लाजा और मल्टी-लेवल कार पार्किंग बनाने की कोशिश कर रहा है. इसी के बाद अप्रैल में ASI और सरकार ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कभी भी DCWA को मकबरा आवंटित नहीं किया था.

कोर्ट ने ASI से भी पूछे सवाल

इस मामले में कोर्ट ने ASI से भी सवाल पूछा. कोर्ट ने कहा, ASI ने कैसे अवैध कब्जे के लिए डीसीडब्ल्यूए को इजाजत दी. आप 700 साल पुराने मकबरे के साथ ऐसा कैसे कर सकते हो. साथ ही कोर्ट ने कहा, डीसीडब्ल्यूए के अवैध कब्जे से मकबरे को कितना नुकसान हुआ है इस बात की जांच करने के लिए एक एक्सपर्ट को नियुक्त किया जाएगा जो इसकी स्टडी करेंगे. एक्सपर्ट को 6 हफ्ते में रिपोर्ट सौंपनी होगी.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सीबीआई की रिपोर्ट पेश करने के लिए प्रशंसा की. कोर्ट ने कहा, बेशक सीबीआई ऐतिहासिक कार्यों को देखने के लिए एक्सपर्ट नहीं है, लेकिन उन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत में हो रहे अवैध अतिक्रमण की जानकारी देने में अच्छा काम किया.

एक्सपर्ट को किया जाएगा नियुक्त

कोर्ट ने कहा, अवैध अतिक्रमण से मकबरे को किस हद तक नुकसान हुआ है और इसको कितना ठीक किया जा सकता है, यह तो कोई एक्सपर्ट ही बता सकता है. हम एक एक्सपर्ट को नियुक्त करेंगे, जो इन चीजों को लेकर 6 हफ्ते में रिपोर्ट देंगे. साथ ही कोर्ट ने कहा, रिपोर्ट की कॉपी और रिट, हलफनामे की कॉपियां एक्सपर्ट को सौंपी जाए. साथ ही हार्ड और सॉफ्ट रजिस्ट्री की कॉपी भी मुहैया कराई जाए.

क्या है पूरा मामला?

कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता राजीव सुरी की भी तारीफ की. डिफेंस कॉलोनी में मौजूद गुमती मकबरा लोदी राजवंश के समय में बनाया गया मकबरा था. जोकि सालों पुराना मकबरा है. याचिकाकर्ता ने पहले इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी लेकिन वो खारिज कर दी गई थी. शीर्ष अदालत ने इसके खिलाफ अपील पर जुलाई 2019 में नोटिस जारी किया था.

अगस्त के महीने में कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था. इसी के बाद सीबीआई ने कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है.

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