देश – दिल्ली-एनसीआर में क्यों जल रहीं आंखें, प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कौन? अब तो पटाखे भी नहीं जल रहे!- #INA

वायु प्रदूषण

एक आम आदमी एक मिनट में सात से 8 लीटर हवा अपने फेफड़ों में लेता है और दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले जानते हैं कि दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई लगातार 300-400 से ऊपर बना हुआ है, जो दिवाली के दौरान तो 550 से भी ऊपर था. यह हालत अब भी बने हुई हैं और यही वजह है कि हर आदमी सांस लेने में भारीपन महसूस कर रहा है. इसकी वजह प्रदूषित हवा है. बरसात का सीजन खत्म होने के बाद से दिल्ली की हवा खराब होनी शुरू हुई और दिन पर दिन खराब होती ही जा रही है.

सर्दियों के आने के साथ तो यह और भी खराब हो सकती है. इस बीच खेतों में पराली जल रही है. दिवाली और उसके आसपास हुई जबरदस्त आतिशबाजी से हवा में जो जहर घुला वह हमारी सांसों के अंदर घुस गया है. अब शादियों का मौसम शुरू हो गया है. आतिशबाजियां इन शादियों में हमको फिर दिखाई दे सकती है. अस्पतालों में श्वास के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है और यह दिखा रही है कि कितना ज्यादा खतरनाक रोग हो गया है.

पटाखे का इफेक्ट दो या तीन दिन तक बहुत ज्यादा होता है, हालांकि इस वर्ष जब दीपावली हुई दूसरे दिन संयोग से मौसम अच्छा रहा और हवा तेज बह गई. प्रदूषण के दो स्रोत हैं, जिसमें एक ग्रुप पूरे साल भर प्रदूषण करता है, इनमें गाड़िया, फैक्ट्रियां और पावर प्लांट्स हैं. दूसरे स्रोत में पराली का जलाना, पटाखे या किसी एरिया में कूड़े के ढेर में आग लग जाती है.

सर्दियों के मौसम में हवा में वेंटिलेशन की कैपेसिटी बिल्कुल ही जा चुकी होती है और एक तरह का ढक्कन लगा होता है. ऐसी स्थिति में जब आपके घर की सारे खिड़की दरवाजे बंद हो और उस समय अगर आप घर में प्रदूषण कर रहे हैं तो इससे आपकी खुद की जान जा सकती है.

आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत तो क्या करें?

अगर आपको किसी भी तरह के पोल्यूटेंट सेंसिटिविटी है, आपको एथमा या एलर्जी की प्रॉब्लम है तो आपकी प्रॉब्लम कई गुना बढ़ने का खतरा होता है. दिवाली से दो-तीन दिन पहले से लेकर अभी तक ओपीडी में सांस के मरीजों की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है. यह सारे पेशेंट पहले इनहेलर से ठीक-ठाक कंट्रोल में थे, लेकिन अचानक से उनका कंट्रोल खराब हो गया. इसका मुख्य कारण प्रदूषण है.

अगर आपकी आंखों में जलन महसूस हो रही है तो आप घर से बाहर निकलते हुए हमेशा अच्छा खासा पानी पीकर निकले, अगर आपको हार्ट और किडनी की प्रॉब्लम नहीं है. दूसरा अच्छी क्वालिटी का N95 मास्क पहनें, जीरो पावर का चश्मा भी आप पहन सकते हैं. लेकिन इसके अलावा और कोई चीज नहीं है जो आपको प्रदूषित हवा के कांटेक्ट में आने से रोक सके.

इन आदतों को करें अवॉइड

अक्सर लोग लंग्स को मजबूत बनाने के लिए जैसे ही प्रदूषण बढ़ता है, वो एक्सरसाइज करना बढ़ा देते हैं, जोकि बिल्कुल ही गलत है. एक सिंपल लॉजिक यह है कि जितनी ज्यादा आप एक्सरसाइज करते हैं, आप उतनी तेज सांस लेते हैं और जितनी ज्यादा बार आप सांस लेते हैं, उतनी ज्यादा बार दूषित हवा को अपने फेफड़ों में घुसाते हैं. इस समय पर आउटडोर एक्सरसाइज करना अवॉइड करना चाहिए और इनडोर एक्सरसाइज भी लिमिट में करनी चाहिए. इसके साथ ही कार्डियो टाइप एक्सरसाइज बिल्कुल ना करें, क्योंकि इसमें आपकी रेस्पिरेशन की रेट काफी बढ़ जाती है. वहीं मॉर्निंग वॉक और इवनिंग वॉक बिल्कुल अवॉइड करना चाहिए, क्योंकि सुबह और शाम के समय प्रदूषण का लेवल सबसे हाई होता है.

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