Noida – सुबह 10 बजे तक नहीं दिखे, आसमान में धुंध, कोहरा या प्रदूषण? – #INA

Greater Noida News :
जहां सुबह 6:00-6:30 बजे सूर्य देवता दिखाई दे जाते थे। वहां 10:00 बजे तक नामो-निशान गायब है। ग्रेटर नोएडा में बुधवार की सुबह 10:00 बजे तक सूरज दिखाई नहीं दिया। अब इसको लेकर सोशल मीडिया और व्हाट्सअप ग्रुप में लोगों के बीच अलग-अलग प्रतिक्रिया चल रही है। कुछ लोग इसको सीजन का पहला कोहरे का दिन बोल रहे हैं तो कुछ लोग प्रदूषण का असर बता रहे हैं।


“मीडिया कनेक्ट नोएडा एक्सटेंशन” पर चर्चा

“मीडिया कनेक्ट नोएडा एक्सटेंशन” व्हाट्सएप ग्रुप पर मयंक प्रताप ने लिखा है, “यह सभी वायु प्रदूषण का असर है। एनसीआर में वायु प्रदूषण 832 AQI के पास पहुंच गया है। जो काफी चिंता का विषय है।” ग्रेटर नोएडा वेस्ट की निवासी अनीता प्रजापति ने भी इस पर चिंता जताई है। अनीता प्रजापति ने कहा, “बालकनी से दिख रहा प्रदूषण का स्तर बेहद रहा है। कोहरे और वायु प्रदूषण में लोग परेशान हो रहे हैं। इस पर जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे।”

अफसरों पर कसा तंज

इस पर विवेक रमन ने प्रशासन, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और जिले की जनप्रतिनिधियों पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, “इन सभी के लिए प्रदूषण और प्रशासन के साथ राजनेताओं को भी बधाई। इसके अलावा हम भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। यह वातावरण बच्चों की सेहत पर बहुत बुरा असर डालेगा। ग्रेप लागू होने के बावजूद शहर में निर्माण कार्य बंद नहीं हो रहे है। इससे साफ पता चलता है कि प्रदूषण को लेकर अधिकारी और जिम्मेदार बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं।”

एनसीआर में हालत बेहद 

आपको बता दें कि दिल्ली में कोहरे की हल्की परत छाई हुई है। जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में दृश्यता 100 मीटर से कम हो गई। इस कोहरे का असर सड़क और हवाई मार्गों पर भी देखा गया। दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर सुबह 6 बजे दृश्यता 100 मीटर से भी कम थी, जिससे हवाई यात्रा प्रभावित हुई। दिल्ली में धुंध छाने के कारण ठंडक बढ़ी और हवा की दिशा के साथ गति में बदलाव के बाद भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ। राजधानी में प्रदूषण की मात्रा भी उच्च स्तर पर बनी रही।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button