देश – 7 महीने बाद आया मौका, क्या आज शांति से हो पाएगा दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव?- #INA

एमसीडी वार्ड कमेटी चुनाव.

दिल्ली में मेयर के चुनाव के लिए एक बार फिर मंच तैयार हो गया है. आज गुरुवार को मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव कराया जाएगा. नगर निकाय अधिकारियों का कहना है कि मेयर चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पार्षद और पूर्वी दिल्ली की पूर्व मेयर सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है. हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने सत्या शर्मा की नियुक्ति का विरोध किया है. ऐसे में मेयर चुनाव के दौरान फिर से हंगामा की स्थिति देखने को मिल सकती है.

करीब 7 महीने बाद मेयर पद के लिए चुनाव कराया जा रहा है. लेकिन चुनाव से पहले ही बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा को दूसरी बार पीठासीन अधिकारी बनाए जाने का विरोध शुरू हो गया है. सत्या ने दिसंबर 2022 में मेयर चुनाव के दौरान भी पूरी प्रक्रिया की अगुवाई की थी. वह फिर से पूरी कार्यवाही की देखरेख करेंगे. अमूमन चुनाव के दौरान मौजूदा मेयर ही पीठासीन अधिकारी की भूमिका निभाते रहे हैं.

मेयर चुनाव में होती रही देरी

एमसीडी सदन में बार-बार व्यवधान और AAP तथा बीजेपी के बीच लगातार गतिरोध की वजह से 7 महीने की देरी के बाद मेयर पद का चुनाव हो रहा है. चुनावी प्रक्रिया में इसलिए भी देरी हुई क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में न्यायिक हिरासत में थे, जिस वजह से उनके हस्ताक्षर नहीं कराया जा सका. जबकि चुनाव मूल रूप से अप्रैल में कराया जाना था.

हालांकि AAP ने सत्या शर्मा की पीठासीन अधिकारी के रूप में फिर से नियुक्ति पर आपत्ति जताई और कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना को निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए निगम से मौजूदा मेयर या सबसे वरिष्ठ पार्षद को इस भूमिका के लिए विचार करना चाहिए था. पार्टी ने कल बुधवार बयान जारी कर कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि बीजेपी किसी भी तरह की बेईमानी से दूर रहेगी, देश के संविधान का सम्मान करेगी, कानून का पालन करेगी. साथ ही अनैतिक कार्यों या लोकतंत्र को कमजोर करने के प्रयासों से भी बचेगी, जैसा कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में देखा गया.”

चुनाव मैदान में किन-किनके बीच मुकाबला

AAP ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का जिक्र करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने अपने ही एक पार्षद को पीठासीन अधिकारी बनाकर “वोट डकैती” करने की कोशिश की.

मेयर पद के चुनाव के लिए देवनगर से पार्षद AAP के महेश खीची का मुकाबला शकूरपुर से बीजेपी के पार्षद किशन लाल से है, वहीं अमन विहार से AAP के पार्षद रविंदर भारद्वाज और सदातपुर से बीजेपी की नीता बिष्ट के बीच डिप्टी मेयर पद के लिए मुकाबला होना है. हालांकि नए मेयर का कार्यकाल पांच महीने कम होगा.

नगर निगम में क्या कहता है आंकड़ा

पिछले चुनाव के बाद से 250 सदस्यीय दिल्ली नगर निगम सदन में AAP की संख्या घटकर 125 रह गई है, जो बहुमत के आंकड़े से थोड़ा सा कम है, जबकि बीजेपी की संख्या बढ़कर 113 हो गई. कांग्रेस के पास 8 सीटें हैं तो 3 निर्दलीय पार्षद हैं. पिछले चुनावों में AAP ने 250 में से 134 सीटों पर जीत हासिल की थी और एमसीडी पर बीजेपी के लगातार 15 साल के दबदबे को खत्म कर दिया था.

पिछली बार मेयर चुनाव में AAP की शैली ओबेरॉय ने जीत हासिल की थी. यह चुनाव भी काफी नाटकीय रहा था. उपराज्यपाल की ओर से 10 एल्डरमैन के नामांकन पर खासा हंगामा मचा था. इसका विरोध करते हुए AAP ने कहा था कि यह बीजेपी के पक्ष में है. दोनों दलों के बीच लगातार तनाव की वजह से पार्षदों के शपथ ग्रहण में काफी देरी हुई. शैली ओबेरॉय ने फरवरी में पदभार संभाला.

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