देश – बहुत सह लिया, अब नहीं सहेंगे; हिंदू हक लेकर रहेंगे…सनानत धर्म संसद में बोले कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर- #INA
देवकीनंदन ठाकुर.
सनातन न्यास फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित सनातन धर्म संसद की शनिवार से शुरुआत हुई हाल के दिनों में फाउंडेशन के अध्यक्ष कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सभी सनातनियों का एकजुट होने का आह्वान किया था. देवकीनंदन ठाकुर सनातन बोर्ड का गठन करने की मांग कर रहे हैं. सनातन धर्म संसद में बड़ी संख्या में संत-महंत, धर्माचार्य, कथाकार शामिल हो रहे हैं. जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती महाराज भी धर्म संसद को संबोधित किया. इसके पहले देवकीनंदन ठाकुर ने धर्म संसद को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने बताया कि क्यों सनातन बोर्ड की जरूरत है.
देवकीनंदन ठाकुर ने धर्म संसद को संबोधित करते हुए कहा, ‘बहुत सह लिया, अब नहीं सहेंगे, हिंदू हक लेकर रहेंगे. अब हम बंटेंगे नहीं तो कटेंगे भी नहीं, सब पूछ रहे हैं मुझसे सनातन बोर्ड की जरूरत क्यों? तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु की चर्बी मिलाने की बात सामने आई है? मैं सनातनियों से पूछना चाहता हूं कि क्या वो पशु की चर्बी से मिले प्रसाद को खाना चाहते हैं? इसी से बचने के लिए सनातनी बोर्ड की जरूरत है?
अधिकारियों को धर्म का ज्ञान नहीं- देवकीनंदन ठाकुर
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि एक सरकारी अधिकारी हमारे मंदिर की व्यवस्था कैसे देख सकता है? जिसे हमारे धर्म का ‘क ख ग’ नहीं पता है. अगर सनातन बोर्ड का गठन होता है तो हमारे गुरुकुल परंपरा को जागृत किया जाएगा.बोर्ड के जरिए गौशालाएं बनाए जाएंगे. इस मौके पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट, महामंडलेश्वर नवल किशोर महाराज, चक्रपाणि महाराज, अयोध्या के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज, अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य श्रीलोकेश मुनि, इंद्रेश उपाध्याय व अन्य संत मौजूद हैं.
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आर्थिक मदद से रोकेंगे धर्म परिवर्तन
देवकीनंदन ठाकुर ने मंच से कहा, “जिनका धर्म परिवर्तन हो रहा है. उन्हें सनातन बोर्ड के जरिए आर्थिक मदद करके धर्म परिवर्तन को रोकना है. अगर जमीर है तो जामा मस्जिद की सीढ़ियों से कन्हैया को लाकर मथुरा में ठाकुर जी का भव्य मंदिर बनवाना है. हिंदू बच्चियों का विवाह हिंदू परिवारों में ही होना चाहिए, जो कंपनियां हलाल सर्टिफिकेट लेकर प्रोडक्ट बेच रही हैं उनका भी बहिष्कार होना चाहिए.’ अभी नहीं तो कभी नहीं’. पहली धर्म संसद देवकीनंदन ठाकुर के नेतृत्व में 25 फरवरी, 2024 को दिल्ली और दूसरी धर्म संसद 23 जून, 2024 को ऋषिकेश में आयोजित हुई थी.
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