Noida – प्राधिकरण बनाएगा कूड़े का कोयला, पढ़िए पूरा प्लान – #INA

Noida News :
कूड़े के निस्तारण को लेकर नोएडा प्राधिकरण ने एक बड़ा कदम उठाया है। अस्तौली में कूड़ा निस्तारण प्लांट की स्थापना में हो रही देरी के मद्देनजर प्राधिकरण ने सेक्टर-145 में देश का पहला ग्रीन चारकोल प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह प्लांट मिलावटी कचरे से कोयला तैयार करेगा, जिसके लिए प्राधिकरण जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी करने की तैयारी में है। प्राधिकरण का दावा है कि दिसंबर तक वर्तमान कूड़े के ढेर का निस्तारण कर दिया जाएगा।

300 टन की क्षमता का होगा नया प्लांट

नोएडा प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पूरे शहर का मिलावटी कचरा सेक्टर-145 मुबारकपुर साइट पर एकत्रित किया जा रहा है। बारिश के कारण अक्टूबर तक कूड़े के निस्तारण का कार्य प्रभावित रहा, लेकिन अब यह कार्य दुबारा शुरू हो गया है। नया प्लांट 300 टन की क्षमता का होगा और इसे पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जो एजेंसी कम जगह में अधिक कार्यक्षमता और बेहतर आर्थिक प्रस्ताव देगी, उसे प्लांट की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

प्लांट लगाने की तैयारी

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि चार प्लांट सेक्टर-43, 54, 145 और 168 में लगाए जाएंगे। इनके अलावा 2 प्लांट सेक्टर-119 और 50 में सीएसआर के माध्यम से लगाए जाएंगे। ये 40 टन क्षमता के होंगे। अधिकारियों ने बताया कि 40 टन में 15 मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी और 25 बायो मैथेनाइजेशन का निस्तारण होगा। इसके अलावा गीले कूड़े के निस्तारण के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी स्थापित किया जाएगा। इसके लिए जगह देखी जा रही है।

क्या होता है ग्रीन चारकोल प्लांट?

कूड़े से चारकोल बनाने वाले प्लाट को हरित कोयला प्लांट या वेस्ट टू चारकोल प्लांट कहते हैं। इन प्लांट में कचरे से कोयला बनाया जाता है, जिससे कचरे का निस्तारण होता है और बिजली भी बनती है। यह स्वच्छ ईधन है। इसमें इसमें जीवाश्म कोयले की तुलना में कम सल्फर होता है। इससे 300 प्लॉट ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होता है।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button