देश – दिल्ली की जहरीली हवा पर सियासत तेज, AAP बोली- आधा देश प्रदूषण की चपेट में और मंत्री हैं मौन- #INA

दिल्ली में जहरीली हुई हवा.Image Credit source: PTI

देश की राजधानी दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है. सोमवार को जहरीले स्मॉग की वजह से विजिबिलिटी काफी कम हो गई. राजधानी में बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 लागू होने पर दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री ने बैठक बुलाई. संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने ग्रैप-4 के नियम को सख्ती से लागू कराने को लेकर मंथन किया. इसके बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि आधा देश प्रदूषण की चपेट में है और केंद्र सरकार के मंत्री मौन हैं.

गोपाल राय ने कहा, पूरा उत्तर भारत आज गंभीर प्रदूषण की चपेट में आ चुका है. बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. बच्चों के स्कूल बंद करने पड़ रहे हैं. लोगों के जीवन पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. बहादुर गढ़ में AQI 477 है. ऐसा ही अन्य जगहों पर देखने को मिल रहा है. पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की मार झेल रहा है और केंद्र सरकार सो रही है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कहां मौन धारण करके बैठे हैं पता नहीं?

आधा देश प्रदूषण की चपेट में और मौन हैं मंत्री

गोपाल राय ने कहा, जब आधा देश प्रदूषण की चपेट में है और सबके साथ मिलकर काम करने का समय है तब केंद्र सरकार के मंत्री मौन हैं. पंजाब में हमारी सरकार ने पराली की घटनाओं को कम किया है. इसे हम 47 हजार से 8 हजार तक ले आए हैं. मगर, बीजेपी की सरकारों में मामले बढ़ रहे हैं. 1500 से बढ़कर 2500 घटनाएं हो जाती हैं.

प्रदूषण फैलाने वाली BS-4 कीबसें चलाई जा रही हैं

उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ BS-4 की प्रदूषण फैलाने वाली बसें चलाई जा रही हैं. अगर तीसरी बार आई बीजेपी की केंद्र सरकार ने सही कदम उठाए होते तो ये दिन नहीं देखना पड़ता. हमने केंद्रीय मंत्री को अगस्त में पत्र लिखा था कि आईआईटी कानपुर और दिल्ली सरकार की बैठक बुला लीजिए कि प्रदूषण बढ़ने पर कृत्रिम वर्षा कराई जा सके.

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गोपाल राय ने कहा कि 3 महीने बाद आज तक बैठक नहीं बुलाई गई. केंद्र सरकार कितनी गंभीर है, अभी तक जवाब नहीं आया कि बैठक करेंगे या नहीं. प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों को आप कब तक लावारिस छोड़ सकते हैं? ना काम करोगे ना ही करने दोगे. वर्क फ्रॉम होम को लेकर गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़कर फैसला लेंगे. ऑड ईवन लागू करने को लेकर उन्होंने कहा कि हम अभी मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जो भी जरूरी कदम होगा उठाएंगे.

क्या कृत्रिम वर्षा प्रदूषण का हल है?

गोपाल राय ने कहा कि एक्सपर्ट का कहना है कि सॉल्यूशन नहीं है. हमें करना है और परमिशन केंद्र सरकार को देनी है लेकिन फैसला तब लिया जाएगा जब मीटिंग होगी. आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक बताएंगे कि कृतिम बारिश कैसे होगी. खर्चे को लेकर हम बताएंगे लेकिन ढाई महीने से केंद्र सरकार कुछ बता ही नहीं रही है.

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