J&K – Baramulla Encounter: मुठभेड़ के दूसरे दिन बड़ा सर्च ऑपरेशन जारी, अब तक तीन जवान बलिदान और दो पोर्टर की मौत – #NA

बारामुल्ला के बूटापाथरी इलाके में बीते दिन भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में अब तक तीन सैनिक बलिदान और दो पोर्टर मारे गए हैं। मुठभेड़ के बाद आज दूसरे दिन सुरक्षाबलों की ओर से सर्च ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षाकर्मी वाहनों की जांच कर रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, मरने वालों की संख्या अब पांच हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि एक सैनिक अस्पताल में भर्ती हुआ था। जिसका बलिदान हो गया है।

घटना स्थल पर पहुंचे अधिकारी

हमलावरों का खात्मा करने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही वरिष्ठ सेना और पुलिस अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं। वहीं दूसरी तरफ बलिदान हुए दो सैनिकों की पहचान राइफलमैन कैसर निवासी बांदीपोरा और राइफलमैन जीवन निवासी जम्मू के रूप में हुई है। वे दोनों JAKLI से थे। 18 आरआई से जुड़े थे।

बलिदान हुए और मारे गए सेना के पोर्टर की पहचान

1. मुश्ताक अहमद चौधरी नौशहरा से 

2. बरनाटे बोनियार से मंजूर अहमद मीर

3. उरी से बशरत अली


गुलमर्ग में है सेना का हाई एल्टीड्यूड वारफेयर स्कूल
गुलमर्ग में सेना का हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल भी है। इसे उच्च पर्वतों पर लड़ाई तथा विषम परिस्थितियों का सामना करने में महारत हासिल है। स्कूल के आसपास आतंकियों की मौजूदगी सुरक्षा बलों के लिए गंभीर चुनौती भी है।

गुलमर्ग हमले पर एलजी की प्रतिक्रिया
बूटापथरी सेक्टर में क्रूरतम आतंकी हमले के संबंध में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है। आतंकियों को मार गिराने के लिए त्वरित कार्रवाई करने को निर्देशित किया है। ऑपरेशन जारी है। बलिदानियों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। बलिदानियों के परिवार वालों के प्रति सहानुभूति है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। – मनोज सिन्हा, उप राज्यपाल

गांदरबल में सुरंग बना रही कंपनी के कैंप पर हमला
इससे पहले, गांदरबल में श्रीनगर-लेह हाईवे पर सोनमर्ग के पास गगनगीर इलाके में जेड मोड़ सुरंग निर्माण कर रही कंपनी में कार्यरत प्रवासी मजदूरों पर रविवार की रात आतंकियों ने हमला कर एक डॉक्टर और छह मजदूरों की हत्या कर दी थी।

मारे गए मजदूरों में कश्मीरी और गैर कश्मीरी दोनों हैं। प्रवासी मजदूरों पर हाल के वर्षों का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। आतंकी दो बताए जा रहे हैं। यह वारदात शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान के आतंकी हमले में मारे जाने के एक दिन बाद हुई है। 

कश्मीर में बड़ी संख्या में हैं बाहरी मजदूर
बता दें कि कश्मीर के अलग-अलग जिलों में चलने वाली तमाम बड़ी परियोजनाओं में प्रवासी मजदूर काम करते हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब के मजदूर कश्मीर में सेब के बगीचों और इसकी पैकिंग में काम करते हैं। निर्माण कंपनियों के विभिन्न प्रोजेक्ट में ये काम करते हैं। यहां तक कि कश्मीर में स्थानीय स्तर पर फल-सब्जी बेचने वालों में भी इनकी बड़ी संख्या है। रेलवे की  योजनाओं में भी इन मजदूरों से काम लिया जाता है।

जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने 2021 में भी इसी तरह प्रवासी मजदूरों पर आतंकी हमले किए थे। 16 और 17 अक्तूबर, 2021 को बिहार एवं यूपी के चार मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब घाटी से बड़े स्तर पर प्रवासी मजदूरों ने पलायन किया था। अब फिर कश्मीर में वैसा ही माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

उत्तरी कश्मीर में उड़ी सेक्टर के अंतर्गत गुलमर्ग में गुरुवार को आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला कर दिया। हमले में दो जवान घायल हैं। सेना और आतंकियों के बीच गोलीबारी जारी है।

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