एमपी- MP देश में उच्च शिक्षा का मानदंड स्थापित करे… CM मोहन यादव ने अधिकारियों को दिया निर्देश – INA
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को एक साथ कई अहम फैसले लिये. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों के नियमों के अनुकूल कार्य संचालन होना चाहिए. महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी विद्यार्थियों के हित में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश अग्रणी रहा है. इस नाते निरंतर शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर प्रबंधन पर ध्यान दिया जाना जरूरी है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश में उत्कृष्ट महाविद्यालय प्रारंभ हो रहे हैं, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का चेहरा बनेंगे. ये महाविद्यालय देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श शिक्षण केन्द्र के रूप में पहचान बनाएं, इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य संबंधित विभागों, स्थानीय प्रशासन, विद्यार्थियों, अभिभावकों और नागरिकों को सजग भूमिका निभानी है.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में आयोजित बैठक में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा की एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।@DrMohanYadav51#DrMohanYadav #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/Ce41vBB0ru
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) June 21, 2024
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में ड्रोन नीति का निर्माण किया जाए. उच्च शिक्षा, उद्योग, कृषि और अन्य संबंधित विभागों में ड्रोन के उपयोग और प्रशिक्षण के संबंध में रणनीति बनाकर कार्य किया जाए. विमानन एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे विषयों में युवाओं की रुचि बढ़ रही है. अत: ऐसे विषयों की बेहतर शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. हाल ही में देश का पहला हेलीकॉप्टर पायलट ट्रेनिंग स्कूल खजुराहो में आरंभ किया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि जहां-जहां हवाई पट्टियां हैं, वहां-वहां पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, निकटवर्ती विश्वविद्यालय के माध्यम से डिग्री और डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था करें. इस पहल से प्रदेश में रोजगार परक शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और निवेश भी आकर्षित होगा. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र भी खुलेगा. इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं.
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस होगा शुरू
इस वर्ष प्रदेश के सभी जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना का निर्णय लिया गया था. राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में 1-1 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है. प्रदेश के 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने के लिए चयनित महाविद्यालयों में अतिरिक्त पदों की स्वीकृति भी दी गई है. साथ ही आवश्यक बजट भी उपलब्ध करवाया गया है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश की प्रमुख विंदुएं:
- रोजगार परक पाठ्यक्रमों के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करें.
- प्रदेश के महाविद्यालय और विश्वविद्यालय ऐसी छवि निर्मित करें कि अन्य राज्यों के बच्चे यहां पढ़ने आएं, ऐसा वातावरण निर्मित करें.
- महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में श्रेष्ठ शैक्षणिक कार्यों को पूर्ण प्रोत्साहन दिया जाए.
- प्रदेश के उच्च शिक्षा केन्द्र बहु-संकाय सुविधा से युक्त होना चाहिए.
- प्रदेश में अकादमिक सत्र 2024-25 से शुरू हो रहे नवीन पाठ्यक्रम जैसे बी.एससी. एग्रीकल्चर कोर्स, अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम
- और अन्य कोर्सेस की जानकारी विद्यार्थियों को प्रदान की जाए.
- विमानन एवं अन्य पाठ्यक्रमों के लिए की गई व्यवस्थाओं से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया जाए.
- विद्यार्थियों को महाविद्यालय आने-जाने के लिए परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाए.
- उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में अहम निर्देश
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस को लेकर प्रमुख निर्देश
- प्रदेश में बनेगी ड्रोन नीति
- सरकारी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में होगी विमानन, कृषि और एआई जैसे विषयों की पढाई
- पायलट ट्रेनिंग के लिए पाठ्यक्रम बनेंगे
- प्रत्येक पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र भी खुलेगा.
- विद्यार्थियों को मिलेगी बस व्यवस्था
- रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का होगा विस्तार
गोवंश रक्षा और दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन योजना पर निर्देश
- पशुपालन को बढ़ावा देगी राज्य सरकार.
- कृषि के साथ अब पशुपालन पर भी फोकस.
- दिव्यांग और वृद्ध गायों के लिए गौशाला खोली जाएगी.
- राजमार्गों पर गौवंश-विचरण पर लगेगा अंकुश.
- राजमार्गों पर बैठने वाले गौवंश और अन्य मवेशियों के लिए हाइड्रोलिक वाहन व्यवस्था.
- रायसेन, विदिशा, सीहोर, देवास, राजगढ़ आदि जिलों का चयन कर हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल को टोल व्यवस्था के साथ
- जोड़कर इस समस्या के समाधान का कदम उठाया गया है.
- गौवंश के सम्मान और सुरक्षा के लिए सभी उपाय लागू किए जाएंगे.
- गुजरात एवं अन्य प्रांतों में लागू व्यवस्था अध्ययन करेंगे.
- दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से पशुपालकों की आय बढ़ेगी.
- चलित पशु चिकित्सा इकाई (टोल फ्री नंबर 1962) के माध्यम से पशुओं को फर्स्ट-एड सुविधा.
- दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन.
- प्रदेश में संचालित गौशालाओं को श्रेष्ठ कार्य के लिए जिला स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा.
- आचार्यश्री विद्यासागर जीव दया सम्मान योजना का जिला स्तर तक विस्तार किया जाएगा.