खबर मध्यप्रदेश – अंधविश्वास की इंतेहा! मां-बेटे को सांप ने काटा, अस्पताल की जगह मंदिर ले गए परिजन; बजाने लगे घंटा – INA
ज्ञान ,विज्ञान और आधुनिकता के जमाने में आज भी देश में ऐसे कई इलाके हैं जहां लोग अंधविश्वास में जकड़े हुए हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास में आस्था की जड़ें कितनी मजबूत बनी हुई हैं इसकी एक ताजा तस्वीर मध्य प्रदेश के ग्वालियर से देखने को मिली है. यहां पर एक मां बेटे को सांप के काटने के बाद इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ना ले जाते हुए, परिजन दोनों को ठीक करने के लिए स्थानीय दांगी बाबा के देवस्थान पर ले गए.
यहां करीब 6 घंटे तक घंटियां बजा-बजाकर परिजन और गांव वाले देवस्थान पर दोनों मां बेटे के ठीक होने का इंतजार करते रहे. लेकिन दोनों की हालत में जब सुधार नहीं आया तो परिजन दोनों को अस्पताल लेकर भागे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अस्पताल जाने पर डॉक्टरों ने मां-बेटे दोनों को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद एक बार फिर दोनों के अच्छा होने की उम्मीद में कई घंटो तक परिजन मां-बेटे के शव को लेकर देवी देवताओं की शरण में बने रहे.
मां-बेटे को सांप ने काटा
परिजनों ने इस चक्कर में दो दिन और गवां दिए और बाद में मां-बेटे के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. अंधविश्वास का यह पूरा मामला भितरवार तहसील के चिनौर थाना क्षेत्र के ग्राम ररुआ का है, जहां शनिवार रविवार की दरमियानी रात करीब एक बजे एक ही पलंग पर सो रहे मां बेटे को जहरीले सांप ने काट लिया. इसके बाद सांप दंश का शिकार हुई मां राम बेटी और उसके बेटे अर्जुन परिहार को बेसुध हालत में परिजन इलाज के लिए अस्पताल ना ले जाते हुए गांव में ही एक प्रसिद्ध दांगी बाबा के देवस्थान पर ले गए.
स्थिति बिगड़ने पर ले गए अस्पताल
यहां काफी देर पूजा अर्चना के जरिए दोनों को ठीक करने का प्रयास किया गया. इस दौरान गांव के लोग भी वहां मौजूद थे. बताया जा रहा है कि जब देवस्थान पर कोई फायदा नहीं मिला और मां बेटे की स्थिति भी बिगड़ने लगी, तब कहीं जाकर दोनों को ग्वालियर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद भी मां बेटे के अच्छे होने की उम्मीद में परिजन दोनों के शवों को एक बार फिर देवी देवताओं के स्थान पर सोमवार को पूरे दिन लेकर घूमते रहे और जब उन्हें कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी, तो एक बार फिर वापस गांव के ही प्रसिद्ध दांगी बाबा के देवस्थान पर शवों को पूरी रात रखा गया. बाद में मंगलवार को जब परिजन दोनों के शवों को लेकर भितरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, तब कहीं जाकर मां बेटे के शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
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