खबर मध्यप्रदेश – उज्जैन: केसर चंदन का उबटन, गर्म जल से स्नान, गर्भगृह में फुलझड़ी… बाबा महाकाल के दरबार में कैसे मनी दिवाली? – INA

मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आज धूमधाम से दिवाली मनाई गई. सुबह चार बजे भस्मारती में भगवान महाकाल को केसर चंदन का उबटन लगाया गया. इसके बाद गर्म जल से स्नान कराया गया और शृंगार के बाद अन्नकूट लगाकर फुलझड़ी से आरती की गई. इस दौरान मंदिर परिसर बाबा महाकाल के जयकारे से भक्तिमय हो गया.

पं महेश पुजारी ने बताया कि महाकाल मंदिर में परंपरा अनुसार, हिंदू धर्म के सभी प्रमुख त्योहार सबसे पहले मनाए जाते हैं. मान्यता है कि भगवान महाकाल अवंतिका के राजा हैं, इसलिए त्योहार की शुरुआत राजा के आंगन से होती है. इसके बाद प्रजा उत्सव मनाती है. अनादिकाल से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार आज सुबह महाकाल मंदिर में दीपावली मनाई गई. इस दिन से सर्दी की शुरुआत भी मानी जाती है, इसलिए भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने का सिलसिला भी आज से शुरू हो गया, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक चलेगा.

Mahakal Temple Diwali (4)

आज सुबह मंदिर मे रूप चतुर्दशी पर्व पर पुजारी परिवार की महिलाओ ने भगवान को केसर चंदन का उबटन लगाया. इसके बाद पुजारियों ने भगवान को गर्म जल से स्नान कराया. फिर कपूर से आरती हुई. साल में एक दिन रूप चतुर्दशी पर पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान का रूप निखारने के लिए उबटन लगाकर कर्पूर आरती करती हैं. स्नान के बाद बाबा महाकाल को नए वस्त्र, सोने-चांदी के आभूषण धारण कराकर आकर्षक शृंगार किया गया. इसके बाद अन्नकूट भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की गई. भस्मारती से रात 10.30 बजे शयन आरती तक नियमित पांच आरतियों में एक फुलझड़ी जलाई जाएगी और भगवान का विशेष शृंगार किया जाएगा.

Mahakal Temple Diwali (3)

त्रिपुंड और मुकुट लगाकर सजे बाबा महाकाल

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि गुरुवार पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे. भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए. इसके बाद सबसे पहले भगवान का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया. महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई. श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए.

Mahakal Temple Diwali (2)

गर्भगृह मे केवल एक फुलझड़ी जलाकर मनाया त्योहार

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली पर गर्भगृह में लगी आग के बाद अब महाकालेश्वर प्रबंध समिति बाबा महाकाल के दरबार में मनाए जाने वाले पर्व को लेकर कुछ गंभीर नजर आई. श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार बाबा महाकाल के दरबार में मनाए जाने वाले दीपावली पर्व पर सिर्फ एक फुलझड़ी जलाकर यह पर्व मनाया गया. साथ ही मंदिर परिसर में आतिशबाजी पर भी रोक रही.


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