एमपी- MP: 45 डिग्री पारे में वन रक्षक का फिजिकल टेस्ट, 25km की दौड़ में बेहोश होकर गिरा युवक; हुई मौत – INA

देशभर में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ रही है. हीटवेव को लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का कहना है कि अगर जरूरी काम हो, तभी लोग घरों से बहार निकलें. मौसम विभाग की चेतावनी का असर आम लोगों पर तो पड़ रहा है, लेकिन सरकारी विभाग इसे मानने का तैयार नहीं हैं. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में वन विभाग ने भीषण गर्मी में वन रक्षक परीक्षा का फिजिकल टेस्ट कराया. नौकरी की चाह में पहुंचे कई युवाओं ने टेस्ट को पास करने के लिए 25 किलोमीटर की दौड़ कंपलीट की. इसी दौड़ में एक युवक बेहोश होकर गिर पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई. मामला सुर्खियों में आया तो सवाल खड़े होने लगे कि भीषण गर्मी में टेस्ट क्यों कराया गया, क्या एक महीने बाद यही टेस्ट नहीं हो सकता था?

आज के दौर में एक युवा को सबसे ज्यादा किसी चीज की जरूरत है तो वो है रोजगार. ऐसे में अगर बात सरकारी नौकरी की हो तो युवा अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं, लेकिन कभी-कभी इसी जान की बाजी को लगाने में युवा अपनी जान भी गवां देते हैं. दरअसल, बालाघाट जिले में वन विभाग ने वन रक्षक के लिए भीषण गर्मी में फिजिकल टेस्ट रखा था. टेस्ट में अभ्यर्थियों को 25 किलोमीटर दौड़ना था. सलीम मौर्य (27) नाम का अभ्यर्थी भी फिजिकल टेस्ट देने आया था. सलीम ने 20 किलोमीटर की दौड़ तो कंपलीट कर ली, लेकिन उसके बाद वह जमीन पर गिर पड़ा.

DFO ने अभ्यर्थी की मौत पर दुख जताया

आनन-फानन में मेडिकल टीम ने सलीम का इलाज किया, लेकिन उसे बचा नहीं सकी. सलीम के भाई विनोद जाटव ने कहा कि वह तो दौड़ने गया था. बाद में हमारे पास सूचना आई कि 92 नंबर के अभ्यर्थी की मौत हो गई है. विनोद ने कहा कि सलीम की तबीयत भी नहीं खराब थी, न ही किसी प्रकार की कोई बीमारी थी. हमें कुछ समझ नहीं आ रहा उसकी मौत कैसे हुई? वहीं घटना को लेकर वन विभाग के अधिकारी ने दुख जाताया. DFO ने कहा कि सलीम ने अपनी दौड़ लगभग पूरी ही कर ली थी. दो से ढाई किलोमीटर की दौड़ ही बची थी, लेकिन अचानक से उसकी तबीयत खराब हो गई. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया.

पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने जांच की मांग की

अब इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि इतनी भीषण गर्मी में आखिर क्यों फिजिकल टेस्ट आयोजित हुआ? वन विभाग की जांच कराई जाए. दूसरा, परिवार को उचित मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. वहीं कांग्रेस नेता अब्बास हाफिज ने कहा कि सरकार को जहां परीक्षा करवानी चाहिए, वहां तो हो नहीं रही है. नर्सिंग के स्टूडेंट्स तीन वर्ष बाद भी पहले ही साल में पढ़ाई कर रहे हैं. अब इतनी भीषण गर्मी में इन्हें परीक्षा करवानी इतनी जरूरी क्यों थी. मंत्री को कुछ पता ही नहीं है कि उनके विभाग में क्या हो रहा है?


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