यूपी – लद्दाख की पहाड़ियों में मिली मंगल ग्रह जैसी चट्टानें, वैज्ञानिकों ने किए ये दावे – #INA

लद्दाख की पहाड़ियों में मंगल ग्रह जैसी चट्टानें पायी गई हैं। इनके रंग, चित्र, बनावट तथा इनमें पाए जाने वाले रासायनिक तत्वों में समानता देखी गई है। बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी) के वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च के बाद यह साबित किया कि लद्दाख की चट्टानों के चित्र और रंग मंगल ग्रह से आए चित्रों और वहां के वातावरण के अध्ययन से मेल खाते हैं।  वैज्ञानिकों ने रॉक वार्निश के रंग, आकार, तथा रासायनिक तत्वों के अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला है कि मंगल ग्रह पर भी ऐसी चट्टानें हो सकती हैं। बीएसआईपी का यह शोध आने वाले दिनों में भारत के मिशन मंगल को सफल बनाने में मददगार साबित होगा। शोध को प्लेनेटरी एंड स्पेस साइंस अंतरराष्ट्रीय जर्नल ने प्रकाशित किया है।

शोधकर्ता डॉ. अमृतपाल सिंह चड्ढा ने बताया कि मिशन मंगल को ध्यान में रखकर यह शोध किया गया। हमने यह पता लगाने की कोशिश की कि लद्दाख के चमकीले पत्थर (रॉक वार्निश) मंगल से आए चित्रों तथा एलीमेंट से कितना मेल खाते हैं। जब लद्दाख के पत्थरों का अध्यन किया गया तो इनमें काफी समानता मिली। बीएसआईपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुपम शर्मा ने लद्दाख का दौरा किया। कई दिनों तक जांस्कर और सिंधु नदी के किनारे पहाड़ों पर चट्टानों का अध्ययन करते रहे। कई जगह के चित्र और रॉक वार्निश के सैंपल जुटाए।

लैब में चित्रों और रॉक वार्निश के पार्टिकल्स का अध्ययन किया। इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि नासा के 2020 के मिशन मार्स से आए चित्रों और अन्य एलीमेंट में काफी समानता है। जब मंगल ग्रह के चित्रों और लद्दाख के रॉक वार्निश के चित्रों को मिलान कराया गया तो दोनों लगभग एक जैसे दिखे। मंगल ग्रह की ब्राउन चमकीली चट्टानें लद्दाख की चट्टानों से मिलती-जुलती पाई गईं। काले-भूरे रंग की चट्टानों में मैग्नीज, आयरन जैसे तत्व पाए गए। नासा के रोवर ने जो सैंपल भेजे थे उसमें भी यह तत्व पाए गए थे। लद्दाख में मेग्नेटोफॉसिल्स की उपस्थिति जीवनचक्र की पुष्टि करती है। चट्टानों और रासायिनक तत्वों की समानता यह संकेत देती है मंगल ग्रह पर भी जीवन चक्र की उपस्थिति हो सकती है।  हम भविष्य में मंगल ग्रह पर भी जीवनचक्र का पता लगा सकते हैं। डॉ. चड्ढा के मुताबिक पहली बार लद्दाख के किसी एस्ट्रोबायोलॉजिकल मैटरियल के रूप में मैग्नेटेक्टिक बैक्टीरिया जैसे जीवाश्म मिले हैं। यह हमें मंगल ग्रह पर जीवन चक्र का पता लगाने में मदद करेंगे।

दोनों में समानता
मंगल ग्रह और लद्दाख की चट्टानों के चित्र मिलते जुलते मिले
दोनों के कार्बनिक मैटरियल में भी समानता पाई गई
दोनों जगह सर्द वातावरण और आक्सीजन की कमी है  
चट्टानों में मैग्नीज, आयरन की उपलब्धता भी है

 

देश के मिशन मार्स के लिए मददगार 
 
बीएसआईपी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुपम शर्मा ने बताया कि यह शोध देश के मिशन मार्स के लिए मददगार साबित हो सकता है। हम वहां के पर्यावरण, रासायनिक तत्वों तथा जीवन चक्र के बारे में भविष्य में पता लगा सकते हैं। लद्दाख और मंगल ग्रह के उपलब्ध चित्रों, रासायनिक मैटरियल में काफी समानता मिली है। सिंधु और जांस्कर नदी की पहाड़ियों से सैंपल लिए गए थे।
 
शोधार्थी डॉ. अमृतपाल सिंह चड्ढा ने बताया कि मंगल ग्रह की चट्टानों के चित्र और लद्दाख की चट्टानों में समानता मिली I दोनों के रासायनिक मैटरियल में भी समानता पाई गईI चट्टानों में मैग्नीज, आयरन की उपलब्धता पाई गई।

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