खबर शहर , साबरमती हादसा: कंक्रीट के स्लीपर लगाकर अपग्रेड किया जाएगा ट्रैक, 110 KM प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें – INA

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साबरमती एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से पनकी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुई रेलवे लाइन रविवार को चालू जरूर हो गई है, लेकिन इसको अपग्रेड किया जाएगा। अभी इस पर निर्धारित दूरी तक ट्रेनें कॉशन लेकर (10 किलोमीटर प्रति घंटे) गुजरेंगी। इस पर नए सिरे से कार्य होने के बाद ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकेंगी।

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हादसे में 500 मीटर की अप लाइन खराब हो गई। रेलवे की ओर से लोहे के सीएसटी-9 स्लीपर लगाए गए। इनके बीच की दूरी एक मीटर रहती है, जबकि कंक्रीट वाले पीएससी स्लीपर के बीच की दूरी 60 सेंटीमीटर होती है। सीएसटी-9 स्लीपर से अप लाइन तैयार होने के बाद इसकी टेस्टिंग हो गई। अब इसको नए सिरे से तैयार किया जाएगा। रेलवे की ओर से नए कंक्रीट के स्लीपर आ गए हैं। इन्हें ट्रैक के किनारे रखवाया गया है।


नाट्य रूपांतरण करा हादसे की वजह जानने का प्रयास
पुलिस, आरपीएफ और रेलवे के विशेषज्ञों ने रविवार को कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस हादसे का नाट्य रूपांतरण कराया। ट्रैक पर लोहे के बोल्डर को क्लैंप से फंसाकर हादसे की वास्तविकता देखी गई। डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह, पनकी एसीपी श्वेता, पनकी इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे।


उन्होंने लोहे की पटरी के टुकड़े जैसे बोल्डर को ट्रैक में फंसाकर जांच की। यह परीक्षण डाउन लाइन पर किया गया। पुलिस अधिकारियों ने रेलवे और ट्रैक के विशेषज्ञों से सभी तरह की संभावनाओं के बारे में पूछताछ की। उन्होंने देखा की बोल्डर किस तरह से रखा होगा, जिससे साबरमती के इंजन के दोनों ओर लगे कैटल गार्ड क्षतिग्रस्त हो गए। यह किस मजबूती से कसा गया था, जिससे ट्रेन की गति और इंजन के भार की वजह से ट्रैक से हट नहीं सका। पुलिस अधिकारियों ने क्लैंप को औजारों से कसवाकर भी देखा। पुलिस बोल्डर को अपने साथ ले गई।
 


Credit By Amar Ujala

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