देश – युवक ने ई कॉमर्स में गंवाए 17 लाख, भारी पड़ी मिस्ट्री बॉक्स की खरीदारी – #NA
Ghaziabad News :
ई-कॉमर्स साइट से मिस्ट्री बॉक्स खरीदने के चक्कर में वेव सिटी थानाक्षेत्र के काजीपुरा गांव निवासी व्यक्ति ने 17 लाख रुपये गवां दिए। काफी दिनों तक मिस्ट्री बॉक्स न पहुंचने पर पीड़ित ने संपर्क किया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ठगी का पता लगने पर पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दी। पुलिस का कहना है कि केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
यूट्यूब पर देखा था विज्ञापन
शैलेंद्र चौधरी ने यू-ट्यूब पर हाईबॉक्स ऐप का विज्ञापन देखने के बाद एप्पल प्ले-स्टोर से ऐप डाउनलोड किया था। काफी दिनों तक मिस्ट्री बॉक्स न पहुंचने पर पीड़ित ने संपर्क किया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ठगी का पता लगने पर पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दी। पुलिस का कहना है कि केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
बाजार से सस्ते और आकर्षक उत्पाद भेजने का वादा किया था
आरोपियों ने उन्हें तरह-तरह के ऑफर देकर मिस्ट्री बॉक्स में आकर्षक उत्पाद भेजने का झांसा देकर कुल 16.92 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। उन्होंने समस्त पैदा अधिकृत गेटवे जैसे ईजीबज और फोनपे के जरिये ट्रांसफर किया था। आरोपियों ने तीस दिन के भीतर मिस्ट्री बॉक्स पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन 26 अगस्त तक वह उन्हें प्राप्त नहीं हुआ।। पीड़ित का कहना है कि एप्पल के एप स्टोर से अब एप ही हटा दिया गया है।
अलग-अलग तारीखों पर 18.92 लाख रुपये ट्रांसफर किए
शैलेंद्र चौधरी द्वारा साइबर थाने में दी गई तहरीर के मुताबिक उन्होंने अलग-अलग तारीखों पर पैसे का भुगतान किया। शुरूआत में 40 हजार, 50 हजार, पांच हजार और पांच हजार रुपये का भुगतान किया। इसके बाद आरोपियों ने उन्हें तरह-तरह के ऑफर देकर मिस्ट्री बॉक्स में आकर्षक उत्पाद भेजने का झांसा देकर कुल 16.92 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। उन्होंने हर बार पैसा अधिकृत गेटवे जैसे ईजीबज और फोनपे के जरिये ट्रांसफर किया था और खरीदे गए मिस्ट्री बॉक्स को एप पर ही रिटर्न करते गए। इससे उनके वॉयलट में रिफंड शो भी हो रहा था, लेकिन जब पैसा निकालने का प्रयास किया तो वह निकाल नहीं पाए।
बताए पते पर नहीं मिला आफिस
शैलेंद्र चौधरी का कहना है कि कहीं से कोई जवाब न मिलने पर वह कंपनी के बताए पते पर पहुंचे तो वहां कोई दफ्तर भी नहीं मिला। इसके बाद उन्हें ठगी का पता चला, जिसके बाद उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दी। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद का कहना है कि केस दर्ज कर जालसाजों को पकड़ने करने का प्रयास किया जा रहा है।
क्या है मिस्ट्री बॉक्स
मिस्ट्री बॉक्स शॉपिंग ई-कॉमर्स में एक नया चलन है। इसमें ग्राहक ऑनलाइन एक बॉक्स खरीदता है, लेकिन यह पता नहीं होता कि उसमें क्या है। इसलिए इसका इनाम मिस्ट्री बॉक्स रखा गया है। इस बॉक्स को खरीदने पर ई कॉमर्स कंपनियां बचत के साथ आकर्षक उत्पाद देने का दावा करती हैं। एक सरप्राइज गिफ्ट की तरह इस डिब्बाबंद सामानमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन या ब्यूटी प्रोडक्ट्स कुछ भी शामिल हो सकता है। ऐसा बताया जाता है कि उसमें जो भी सामान निकलेगा वह बाजार मूल्य से सस्ता आपको मिलेगा, लेकिन क्या सामान निकलेगा यह आपको डिब्बा खोलने पर ही पता चलेगा, यही रोमांच की बात है।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link