खबर शहर , Mahakumbh : जूना से अलग गुरुदत्त अखाड़े ने किया सात महामंडलेश्वर बनाने का एलान, 26 अक्तूबर को होगी ताजपोशी – INA

महाकुंभ से पहले संन्यासियों के सबसे बड़े जूना अखाड़े से अलग श्रीपंच दशनाम गुरुदत्त अखाड़े का एलान हो गया है। शुक्रवार को ही नए गुट ने आचार्य महामंडलेश्वर समेत सात महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा भी कर दी। 26 अक्तूबर को इनका पट्टाभिषेक होगा। इनके आशीर्वचन के लिए देश भर से संतों को आमंत्रित किया गया है।

श्रीपंच दशनाम गुरुदत्त अखाड़े के संस्थापक अध्यक्ष महंत चैतन्य गिरि हैं। जबकि, हाल में ही ब्रह्मलीन हुए गोल्डन बाबा के शिष्य व गुजरात के आदित्यानंद गोल्ड गिरि सह संस्थापक हैं। आदित्यानंद गोल्ड गिरि ने ही शुक्रवार को सात महामंडलेश्वरों के पट्टाभिषेक का एलान किया।

उन्होंने अमर उजाला को बताया कि जूना अखाड़े में धर्माचार्य के बड़े पदों के सर्टिफिकेट गरीब-कमजोर संतों को नहीं मिल पाते। इसके लिए मोटे चढ़ावे की अपेक्षा होती है। इसे पूरा न कर पाने वाले संतों ने ही अलग पंच दशनाम गुरुदत्त अखाड़ा बनाया है।


आचार्य महामंडलेश्वर की भी होगी ताजपोशी

चौफटका स्थित अनंत माधव देवगिरि हनुमान मंदिर परिसर में 26 अक्तूबर को गुरुदत्त अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के पद पर मथुरा के स्वामी चैतन्य गिरि, महामंडलेश्वर पद पर दिल्ली के स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, हरिद्वार के भवानी शंकर गिरि, प्रयागराज के आचार्य विनोद गिरि और स्वामी वीरेंद्रानंद गिरि का पट्टाभिषेक होगा।

दो महिला महामंडलेश्वर भी बनेंगी। इनमें मैनपुरी (उप्र) की सुषमा गिरि और सूरत (गुजरात) से दिव्या आनंद गिरि शामिल हैं। पट्टाभिषेक समारोह के लिए गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश भर के पीठाधीश्वरों, महंतों को न्योता भेजा गया है। इसी समारोह में महाकुंभ के लिए छावनी प्रवेश (पेशवाई) की तिथि का एलान भी किया जाएगा।

हमारे अखाड़े का उद्देश्य दबे कुचले, कुचक्र से पीड़ित और जूना अखाड़े से राजनीतिक कारणों से निष्कासित सज्जन तपस्वी महात्माओं को संरक्षण देना है। जिनके पास धन नहीं है, उनको हमारा अखाड़ा योग्यता के अनुसार पद देकर सम्मानित करेगा। नई दिशा एक नया घर दिया जाएगा। – स्वामी आदित्यानंद गोल्ड गिरि, सह संस्थापक श्रीपंच दशनाम गुरुदत्त अखाड़ा


Credit By Amar Ujala

Back to top button