खबर शहर , Agra: संरक्षित स्मारक सिकंदरा के चारों ओर खड़े हो गए 270 से ज्यादा अवैध निर्माण, अब तक नहीं हुई कार्रवाई – INA

आगरा के संरक्षित स्मारक अकबर का मकबरा, सिकंदरा के चारों ओर 270 से ज्यादा अवैध निर्माण कर लिए गए हैं। इन्हें रोकने और हटाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एफआईआर दर्ज कराई है। पर, अवैध निर्माण बरकरार हैं।

एएसआई संरक्षित स्मारक अकबर का मकबरा के प्रतिबंधित 100 मीटर और विनियमित 300 मीटर दायरे में किए गए अवैध निर्माणों पर 270 एफआईआर सिकंदरा सबसर्किल ने दर्ज कराई हैं। मकबरे की पश्चिमी दीवार की ओर गायत्री विहार, बाईंपुर रोड पर अवैध निर्माण पर दो माह में 16 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं, लेकिन इनका काम नहीं रुका है। सिकंदरा थाने से इन अवैध निर्माणों की दूरी महज 200 मीटर है।

 


14 अवैध दुकानें तोड़ने के आदेश
सिकंदरा स्मारक के सामने पूर्व में बने पेट्रोल पंप की जमीन पर अवैध रूप से मार्केट बनाया गया है। एएसआई महानिदेशक ने 14 दुकानों के इस बाजार को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए। इस मामले में दो बार थाने में एफआईआर कराई गई। इसके बाद भी ध्वस्त करने के आदेश का पालन नहीं हो पाया। एएसआई ने मुरारी लाल अग्रवाल, मुकेश वर्मा, मनोज गिरि, पंकज जैन को नोटिस जारी कर मामला दर्ज कराया था। चौराहे के दूसरी ओर पार्किंग गेट के सामने तीन होटल, दो बाजार और चार शोरूम भी अवैध बनाए गए हैं, जिनके खिलाफ एफआईआर है।

 


निर्माण रुकवाने, हटवाने के लिए कहा
अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि स्मारकों के पास अवैध निर्माण होने पर तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। पुलिस और एडीए से निर्माण रुकवाने और हटवाने के लिए भी कहा है। 400 से ज्यादा मामले कोर्ट में पहुंचे हैं। प्रयास है कि संयुक्त टीम बने, जिससे अवैध निर्माणों को ध्वस्त कराया जा सके।

 


रोक लगनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट के याचिका कर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने बताया कि आगरा को हेरिटेज सिटी बनाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन स्मारकों के पास अवैध निर्माणों से पूरा स्वरूप बदल रहा है। इन पर रोक लगनी चाहिए। अवैध निर्माण से घिरे स्मारक और ऐसी हेरिटेज सिटी कौन देखने आएगा।

 


यह है प्रावधान
प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) अधिनियम, 2010 में स्मारक के 100 मीटर दायरे में निर्माण, उत्खनन की अनुमति नहीं मिलती, जबकि 100 मीटर से 300 मीटर के बीच के हिस्से में एनओसी और अनुमति लेकर निर्माण किया जा सकता है। अवैध निर्माण पर 2 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
 


Credit By Amar Ujala

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