यूपी- मुख्तार के करीबी पर तलवार! फर्जी डॉक्यूमेंट्स, 18 सालों से नौकरी कर रही निकहत, अब होगी रिकवरी – INA

यूपी के गाजीपुर जिले के अल्पसंख्यक विभाग में एक अनोखा मामला सामने आया है. विभाग के बहादुरगंज के एक मदरसे में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे एक महिला पिछले 18 सालों से सहायक अध्यापक की नौकरी कर रही है. अब विभाग ने उससे इतने सालों से ली जा रही सैलरी की रिकवरी को लेकर नोटिस जारी किया है.

जानकारी के मुताबिक निकहत परवीन नाम की महिला जो बहादुरगंज नगर पंचायत की अध्यक्ष भी रही हैं विभाग ने उन्हे ही चिह्नित किया है. अल्पसंख्यक विभाग ने पूरे वेतन की रिकवरी के लिए बहादुरगंज के मदरसा मदररसतुल मसाकीन के प्रबंधक को नोटिस जारी कर निर्देश दिया है. नोटिस में लिखा है कि निकहत परवीन ने पिछले 18 सालों में राजकोष से कितनी धनराशि ली है उसका विवरण उपलब्ध कराते हुए वेतन राजकोष में जमा कराया जाए. इस नोटिस के मिलते ही अब मदरसा प्रबंधन के साथ ही साथ निकहत परवीन और उनके परिजनों में खलबली मच चुकी है.

गाजीपुर के बहादुरगंज नगर पंचायत के अध्यक्ष रेयाज अंसारी मुख्तार अंसारी के करीबियों में शुमार थे और वह कई बार अध्यक्ष रहे हैं. उनकी पत्नी निकहत परवीन नगर पंचायत बहादुरगंज की अध्यक्ष रही हैं. निकहत परवीन बहादुरगंज में संचालित होने वाले मदरसा मदररसतुल मसाकीन में सहायक अध्यापक के पद पर फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी हासिल की थीं. जिसका खुलासा बीजेपी नेता फैजान खां की शिकायत के बाद हुआ था. इसी खुलासे के बाद निकहत परवीन और रियाज अंसारी पर उत्तर प्रदेश सरकार की नजरे टेढ़ी हो गईं थीं.

पति भी हुए गिरफ्तार, फिर बाहर आए

निकहत परवीन के प्रमाण पत्रों के खुलासे के बाद पुलिस ने एक तरफ जहां इन्हें गिरफ्तार किया. वहीं उनके पति रेयाज अंसारी जो मौजूदा समय में नगर पंचायत अध्यक्ष भी रहे वह इस मामले के बाद लगातार फरार चल रहे थे. साथ ही कई अन्य लोग भी फरार चल रहे थे. जिसको लेकर पुलिस विभाग के द्वारा कई जगह छापेमारी की गई. बाद में नगर पंचायत अध्यक्ष रेयाज अंसारी ने आत्मसमर्पण कर दिया था. इसी दौरान उनकी कई संपत्तियों पर प्रशासन के द्वारा बुलडोजर भी चलाया गया और कई संपत्तियों को कुर्क किया गया था. इनके फरार रहने के दौरान गैंगस्टर एक्ट के तहत भी लोगों पर कार्रवाई की गई थी.

रेयाज अंसारी जमानत पर रिहा होने के बाद नगर पंचायत का एक बार फिर से अध्यक्ष बन गए. लेकिन, जिला अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा निकहत परवीन के द्वारा 18 सालों में निकाले गए वेतन को गलत मानते हुए मदरसा के प्रबंधक को नोटिस जारी कर दिया है. यह निर्देश दिया है कि 18 सालों में उनके द्वारा कितने का वेतन निकाला गया है उसकी गणना कर विभाग को सूचित करें.

78 लाख के करीब रिकवरी

जिला अल्पसंख्यक अधिकारी सच्चिदानंद तिवारी ने बताया कि निकहत परवीन के द्वारा 18 सालों में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए किए गए नौकरी के खुलासा के बाद उनसे वेतन की रिकवरी के लिए मदरसा के प्रबंधक को नोटिस जारी किया गया है. उनसे नोटिस में यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि वेतन के रूप में उनके द्वारा अब तक कितना वेतन निकाला गया है. उन्होंने बताया कि अभी तक एक मोटे आंकड़े के अनुसार करीब 78 लाख रुपया उन्होंने वेतन के रूप में निकाला है. लेकिन इसकी गणना मदरसा में प्रबंधक के द्वारा पूरी तरह से करने के बाद ही उनसे रिकवरी की जाएगी.


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