खबर शहर , Agra: एडीए में सार्वजनिक नहीं होंगे करोड़पति इंजीनियर, जांच के नाम पर लीपापोती – INA
आगरा में एक तरफ सभी विभागों के कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों का ब्योरा देना पड़ रहा है। उनके वेतन पर संकट है। दूसरी तरफ आगरा विकास प्राधिकरण में करोड़पति इंजीनियर और कर्मियों की संपत्तियां सार्वजनिक नहीं होंगी। स्ववित्त पोषित संस्था की आड़ में यहां मुख्य सचिव मनोज सिंह का आदेश लागू नहीं होगा।
जिले में 100 से अधिक विभागों में 30 हजार कर्मचारी हैं। मानव संपदा पोर्टल पर सभी अपनी संपत्तियों का ब्योरा दर्ज करा रहे हैं। विभागाध्यक्ष के प्रमाणपत्र जारी करने के बाद ही कर्मचारियों का वेतन भुगतान होगा। लेकिन, एडीए में इंजीनियर, बाबू, सुपरवाइजर व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने अपनी संपत्तियों का कोई ब्योरा नहीं दिया है। इनके पास कितनी संपत्ति है। इसका ब्योरा एडीए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पास भी नहीं है। यह स्थिति तब है जब एडीए वित्त, संपत्ति व प्रवर्तन अनुभाग के पांच बाबुओं पर आय से अधिक संपत्तियां अर्जित करने के आरोप लग चुके हैं।
हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले रवि गांधी ने बताया कि एडीए के एक-एक बाबू के पांस आठ-आठ, दस-दस संपत्तियां हैं। एडीए की संपत्तियां ही बाबू और इंजीनियर्स ने अपने परिचत व रिश्तेदारों के नाम पर अर्जित की गई हैं। जिनकी जांच के लिए मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने उपाध्यक्ष ने निर्देश दिए थे। लेकिन, जांच के नाम पर लीपापोती हो रही है।