यूपी- 49 गांवों को पिछले 9 साल से नहीं मिला PM आवास का लाभ, DM ने फिर भी दिखाए तेवर – INA
हर गरीब को छत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद की गई थी. गाजीपुर के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से 49 गांव के कई लाभार्थी इस योजना से अभी भी वंचित हैं. इसका मतलब है कि इस योजना का लाभ इन 49 गांव के किसी भी व्यक्ति को नहीं मिला है. इन्हीं 49 गांव में हरिहरपुर ग्राम सभा भी है जहां के सैकड़ों ग्रामीण मंगलवार को आवास योजना का लाभ लेने के लिए जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंचे लेकिन जिलाधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी उल्टे उन्हें ही फटकार लगा दी.
गाजीपुर जनपद के मनिहारी ब्लॉक के हरिहरपुर ग्राम सभा की आबादी करीब 1000 है. यहां पर अधिकतर लोगों के घर मिट्टी के हैं या फिर झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं. बारिश के दिनों में इन लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ जाती हैं. एक तरफ जिला प्रशासन इस योजना के पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ दिलाने का दावा कर रहा है तो दूसरी तरफ गाजीपुर के 49 गांव ऐसे हैं जो योजना के अछूते हैं. गांववालों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. समाजसेवी सिद्धार्थ राय की अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने इस दौरान कुछ लोगों से ही मुलाकात की.
ग्रामीणों से नहीं की मुलाकात
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की ओर से दिए जा रहे ज्ञापन को लेने से पहले तो इनकार कर दिया. हालांकि बाद में उन्होंने उसे ले लिया. जब जिलाधिकारी लोगों से बात कर रही थीं उसी वक्त कुछ मीडियाकर्मी भी उनके चेंबर में पहुंचे थे. जिसे आर्यका अखौरी ने बाहर जाने की बात कह दी. यह भी कहा कि इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी से ही बात कीजिए. इसके बाद सूचना अधिकारी ने मीडियाकर्मी को बाहर का रास्ता दिखाया.
49 गांव छूटे, अब जोड़ेंगे नाम
मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने इस मामले पर बताया कि पूर्व में जो सर्वे हुआ था उसमें हरिहरपुर गांव को इस योजना का लाभ नहीं मिला था. उस सर्वे में हरिहरपुर ही नहीं जिले के 49 गांव के नाम छूट गए थे. जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया. अब नए सर्वे में इन सभी गांव को शामिल किया जाएगा. वहीं यह 49 गांव किन कारणों से इस योजना से छूट गए इस पर उन्होंने बताया कि उस वक्त किसी टेक्निकल इश्यू की वजह से इन गांवों के नाम शामिल नहीं हो सके थे.
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