खबर शहर , UP News: अधिवक्ता के भाई की चंबल में मिली लाश, ससुराल गया था…हत्या का आरोप; दर्ज नहीं हुआ मुकदमा – INA

आगरा के फतेहाबाद के रहने वाले अधिवक्ता सत्यपाल गोस्वामी के लापता भाई जितेंद्र कुमार का शव 28 अगस्त को इटावा में चंबल नदी में मिला था। अधिवक्ता का आरोप है कि भाई की हत्या की गई है। साजिश में रिश्तेदार शामिल थे। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की। मगर, मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। वह कार्रवाई के लिए भटक रहे हैं। पुलिस आयुक्त कार्यालय में प्रार्थना पत्र देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 


मोहल्ला मोती नगर कालोनी, बाह रोड, फतेहाबाद निवासी सत्यपाल गोस्वामी ने बताया कि पिता प्रमोद कुमार फतेहाबाद तहसीलदार के अर्दली हैं। छोटा भाई जितेंद्र कुमार घर के पास मोबाइल की दुकान चलाता था। उसकी शादी 22 अप्रैल 2016 को ग्वालियर निवासी रश्मि उर्फ शबनम से हुई थी। उनका साढ़े सात साल का एक बेटा देवांश है। आरोप लगाया कि भाई की पत्नी 23 अगस्त की रात 12 बजे अपने परिजन के साथ मायके चली गई थी।

 


जितेंद्र को फोन करके अपने पास बुलाने लगी। 24 अगस्त को प्रमोद घर से निकला। कहा कि वह पत्नी के घर जा रहा है। उसी दिन उसका मोबाइल भी बंद हो गया। उसकी तलाश की, लेकिन वो नहीं मिला। उन्होंने 26 अगस्त को बेटे की गुमशुदगी थाना फतेहाबाद में दर्ज करा दी। 28 अगस्त को इटावा के थाना बिठाैली की पुलिस ने परिजन को फोन किया।

 


उन्होंने चंबल नदी में शव मिलने की जानकारी दी। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचकर शव की शिनाख्त जितेंद्र के रूप में की। मामले में पिता प्रमोद कुमार ने पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत की। उन्होंने बेटे की हत्या में उसके रिश्तेदारों का हाथ होने का आरोप लगाया है। हालांकि मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

 


थाना फतेहाबाद पुलिस का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है। गुमशुदगी दर्ज है। मृतक की पत्नी ने भी ससुरालियों पर आरोप लगाए हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

 


षडयंत्र के तहत हत्या

बड़े भाई सत्यपाल गोस्वामी ने बताया कि जितेंद्र की षडयंत्र के तहत हत्या की गई है। उसे पत्नी ने अपने घर बुलाया। भाई की आखिरी लोकेशन भिंड की आई थी। उसकी हत्या करने के बाद लाश के तीन टुकड़े किए गए। शव को चंबल नदी में फेंक दिया गया। शव का कमर से नीचे का हिस्सा ही बरामद हो सका। बाकी कहां गए? यह कोई नहीं जानता है। चंबल में मगरमच्छ भी खा सकते हैं। थाना फतेहाबाद में गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। मगर, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिन लोगों को शक जताया गया, उनसे भी पूछताछ नहीं की गई।


Credit By Amar Ujala

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