खबर शहर , हद है : सेल्फी प्वाइंट बनकर रह गया भैसही पुल, मऊ से गाजीपुर जाने के लिए बनी थी सड़क; वन विभाग न रोका काम – INA

मऊ जिले में दो जिलों को दूरी कम करने के लिए एक दशक पहले भैसही नदी पर पुल बनाया गया। लेकिन एप्रोच मार्ग न बनने से यह सेल्फी प्वाइंट बन कर रह गया है। 

दरअसल वनदेवी धाम के जंगल से एप्रोच मार्ग गुजरना हैं, जिसको लेकर पुल बनने के बाद वन विभाग ने इस पर आपत्ति लगाकर काम रुकवा दिया था, इसके बाद कार्यदायी संस्था ने दूसरे हिस्से यानी गाजीपुर जिले की तरफ पुल को जोड़ने के लिए एप्रोच मार्ग बनवा दिया। लेकिन मऊ जिले के हिस्सा का एप्रोच मार्ग आपत्ति के चलते अब तक अधूरा हैं। ऐसे में यह पुल बनने के बाद भी बीते एक दशक से निरर्थक साबित हो रहा है।

जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित पौराणिक स्थल मां वनदेवी धाम मंदिर मऊ-गाजीपुर बॉर्डर पर स्थित है। यहां पूर्वांचल सहित विभिन्न प्रदेशों के लोग पूजन अर्चन करने आते हैं।


ग्रामीणों को होती है परेशानी

मऊ और गाजीपुर के आसपास के गांवों के लोगों ने पुल की मांग उठाई थी। मांग पर सरकार की तरफ से एक करोड़ की लागत से पुल बनाया गया था। पुल निर्माण हो जाने के बाद मऊ की सीमा में वनदेवी धाम के जंगल के रास्ते से एप्रोच मार्ग बनाया जाना था, जो 10 साल का समय बीतने के बाद भी अब तक नहीं बन सका। 

ग्रामीणों के अनुसार कार्यदायी संस्था ने गाजीपुर जिले के हिस्से का काम पूरा करने के बाद जब मऊ की सीमा में पुल का एप्रोच मार्ग बनाने का काम शुरू किया तो उस समय के वन विभाग के अधिकारियों ने वन क्षेत्र में सड़क और एप्रोच मार्ग बनाने से रोक लगा दी। 

जबकि महज एक किमी का हिस्सा एप्रोच मार्ग बनने से इसका सीधा लाभ क्षेत्र के 50 हजार लोगों को होता है, वनदेवी कुशमौर, कहिनौर पहाड़पुर, कैथवली, बगलपिजड़ा, ओन्हाइच, खंडेरायपुर सहित विभिन्न गांवों के लोग पुल के रास्ते कम दूरी में ही गाजीपुर पहुंच सकते हैं। वर्तमान में अभी लोगों को पुल बनने के बाद भी एप्रोच मार्ग न होने से पुल के नीचे से होकर गुजरना पड़ता है। यह समस्या बरसात के समय दोगुनी हो जाती हैं।


एप्रोच मार्ग बने तो 15 की जगह सात किमी का होगा सफर
मऊ-गाजीपुर सीमा पर भैसही नदी पर पुल का वर्तमान में एप्रोच मार्ग न बनने से पिपरीडीह, कुशमौर, पहाड़पुर, वनदेवी कहिनौर, महलीपुर सहित दर्जनों गांवों के लोगों को गाजीपुर जाने के लिए पिपरीडीह बढुआगोदाम मार्ग से मटेहू होते हुए गाजीपुर मुख्यालय जाने के लिए 15 किलो मीटर अधिक दूरी तय करके जाना पड़ता है। जबकि मऊ जिले के मुख्यालय पर आने के लिए 12 किमी तय करना पड़ता है। 

अगर मऊ की तरफ पुल से एप्रोच मार्ग वन देवी नसीरपुर मार्ग से होते हुए गाजीपुर के लिए निकल जाए तो सात किमी की दूरी कम होगी। गाजीपुर जिले के लोगों को मऊ जिला मुख्यालय आने के लिए मात्र 15 किमी तय करना पड़ेगा। इनका आठ किमी दूरी कम हो जाएगी।

बोले अधिकारी
वनदेवी जंगल के समीप भैसही नदी पर बने पुल के एप्रोच मार्ग का मामला 10 वर्ष पुराना है। मेरे कार्यकाल के दौरान अब तक संबंधित कार्यदायी संस्था द्वारा कोई पत्राचार नहीं किया गया है। – पीके पांडेय, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी, मऊ


Credit By Amar Ujala

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