यूपी- UP: शोपीस बनी 48 लाख की बिल्डिंग…3 साल से यहां लटक रहा ताला, पुराने भवन में चल रहा अस्पताल – INA
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रेवतीपुर ब्लाक में पशुओं की देखभाल और उसके इलाज के लिए पशु अस्पताल बनाया गया था. पुराने भवन के जर्जर हो जाने के बाद तीन साल पहले नए भवन का निर्माण कराया गया था. लेकिन अस्पताल अभी भी पुराने भवन में चलाया जा रहा है. राजकीय पशु चिकित्सालय के नए भवन का निर्माण 48 लाख रुपए की लागत से कराया गया था.
भवन बनने के बाद से उसमें ताला लटक रहा है. डेढ़ साल पहले तकनीकी टीम ने भवन का मुआयना करने के बाद इसे पशुपालन विभाग को हैंडोवर कर दिया था. नए भवन पर ताला लगा हुआ है जबकि जर्जर भवन में पशु अस्पताल को संचालित किया जा रहा है.
जानिए क्या है मामला?
गाजीपुर जनपद के रेवतीपुर ब्लाक में पशुओं की बेहतर देखभाल और इलाज के लिए पशु अस्पताल का संचालन किया जाता है. भवन काफी जर्जर हो जाने के पर साल 2019 में पशुपालन विभाग ने नया भवन बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था. शासन ने प्रस्ताव पर नया भवन बनाने के लिए 48 लाख रुपए मंजूर हुए थे. पशुपालन विभाग का नया भवन अगले डेढ़ से 2 साल में बनकर तैयार हो गया. इसके बाद विभागीय कार्रवाई करते हुए निर्मित भवन का अधिकारियों ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के उपरांत सब कुछ मानक के अनुसार होने पर भवन को पशुपालन विभाग को हैंडोवर कर दिया गया था.
तीन साल से लटक रहा ताला
साल 2021 में पशुपालन विभाग को नया भवन मिल जाने के बावजूद अभी तक पशुपालन विभाग का संचालन पुराने और जर्जर भवन पर किया जा रहा है. नए भवन पर पिछले तीन सालों से ताला लटका हुआ है. ऐसे में कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. विभाग के पास अपना नवनिर्मित नया भवन है तो फिर पुराने भवन में अस्पताल क्यों चलाया जा रहा है.
वहीं दूसरी ओर पुराने एवं जर्जर हो चुके भवन में राजकीय पशु अस्पताल जैसे तैसे संचालित किया जा रहा है. जर्जर भवन में कर्मचारी और चिकित्सक जान जोखिम में डालकर काम कर रहे है. पशु अस्पताल का जर्जर भवन कब धराशायी हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता. वहीं अगर ऐसा हो गया तो कर्मचारियों के साथ ही साथ जानवरों की भी जान जा सकती है.
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने क्या कहा?
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर ए. के. शाही ने बताया कि यदि नया बना हुआ राजकीय पशु अस्पताल विभाग को हैंडोवर हो गया है तो किस कारण से उसे उपयोग में नहीं लाया जा रहा है. इसके लिए विभागीय अधिकारियों से बात की जाएगी, उसके बाद ही कुछ कह पाना उचित होगा. उन्होंने कहा कि अगर विभाग को नया भवन हैंडोवर हो गया होगा तो मेरा प्रयास करूंगा कि नए भवन में ही राजकीय पशु अस्पताल का संचालन किया जाए.
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