यूपी – UP News: भूमि अधिग्रहण घोटाले में 13 अफसर और कर्मचारी दोषी, शासन से कार्रवाई की सिफारिश – INA

बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे और रिंग रोड के भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले में 13 अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। शासन से इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। डीएम की ओर से सीडीओ की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने 15 बड़े मामलों में से 9 में फर्जीवाड़ा पकड़ा। इसमें पाया गया कि लगभग 21.52 करोड़ रुपये ज्यादा का मूल्यांकन किया गया।

बरेली के जिन नौ मामलों में धांधली सामने आई है, उनमें छह नवाबगंज तहसील और तीन सदर तहसील के हैं। यही नहीं गड़बड़ियों व राजस्व क्षति के लिए एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की ओर से सर्वे और मूल्यांकन के लिए नामित एजेंसी साई सिस्ट्रा ग्रुप व एसए इंफ्रास्ट्रक्चर को पूर्ण रूप से दोषी माना गया है।

समिति के अनुसार इन्होंने स्थानीय स्तर पर किसानों से सांठगांठ कर राजस्व को क्षति पहुंचाई। लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं ने भी सत्यापन में लापरवाही की। इसलिए कमेटी ने उन्हें दोषी माना है।

दस दिन में जांच पूरी कर 227 पेज की रिपोर्ट डीएम रविंद्र कुमार को सौंपने वाली कमेटी ने पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच विशेषज्ञ समिति से कराने की भी संस्तुति की है, ताकि राजस्व हानि का और सटीक आकलन किया जा सके। विशेषज्ञ समिति में राजस्व विभाग, एनएचएआई के विशेषज्ञ और तकनीकी अफसरों को शामिल करने की बात कही गई है।


ये सिफारिशें की
भू उपयोग परिवर्तन किये जाने व राजस्व को अनुमानित 14.42 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति पहुंचाने के संबंध में संबंधित राजस्व अधिकारियों को सक्षम स्तर से ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी करते हुए उनका पक्ष सुनने के बाद उत्तरदायित्व निर्धारित किया जा सकता है।

प्रकरण में अधिक मुआवजा (प्रतिकर) प्राप्त करने के लिए अधिकारियों के साथ षड़यंत्र करके कृषि भूमि का अकृषिक में भू उपयोग परिवर्तन कराने व उस पर परिसंपत्ति दर्शाकर अधिक मूल्यांकन कराने वाले आवेदक/भूस्वामी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही किया जाना उचित होगा।

पूरे प्रकरण में शिथिलता व लापरवाही भी बरतने और सम्यक रूप से परीक्षण न करने के लिए दोषी विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, बरेली आशीष कुमार और तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, बरेली मदन कुमार के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए।


ये अधिकारी-कर्मचारी माने गए दोषी
सीडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में बरेली के एसएलएओ (विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी) आशीष कुमार और तत्कालीन एसएलएओ मदन कुमार, उनके कार्यालय के अमीन डंबर सिंह, नवाबगंज तहसील के लेखपाल सुरेश सक्सेना, सदर तहसील के लेखपाल उमाशंकर, पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन अधिशासी अभियंता नारायण सिंह (अब सेवानिवृत्त), सहायक अभियंता स्नेहलता श्रीवास्तव, अवर अभियंता राकेश कुमार, अंकित सक्सेना, सुरेंद्र सिंह, अमीन शिवशंकर, एनएचएआई का साइट इंजीनियर, इंजीनियर रविंद्र गंगवार (वैल्यूअर) को सम्यक रूप से परीक्षण न करने के लिए जिम्मेदार माना है।

एनएचएआई और रिंग रोड प्रकरण की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। वहां से जो दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, उनका अनुपालन कराया जाएगा। – रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी, बरेली


Credit By Amar Ujala

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