यूपी – भूमि अधिग्रहण घोटाला: मलबा भी ले गए… मुआवजा भी, अब फर्जीवाड़ा करने वालों से होगी वसूली – INA

बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे और रिंग रोड के भूमि अधिग्रहण में फर्जीवाड़ा करने वालों ने जमीन पर बने जिस ढांचे का मुआवजा हासिल किया, उसका मलबा भी मौके पर नहीं छोड़ा। नियमानुसार, यह मलबा एनएचएआई की संपत्ति होता है। जांच कमेटी जब पहुंची तो उसे मौके पर उस भवन का कोई अवशेष भी नहीं मिला, जिसके बदले मुआवजा लिया गया था। अगर विस्तृत छानबीन होती है तो ऐसे कई और मामले सामने आएंगे। अभी तक जो मामले पकड़ में आए हैं, भू स्वामियों से अतिरिक्त रकम की वसूली के साथ ही विधिक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। 

25 लाख के गोदाम का मूल्यांकन 2.95 करोड़ रुपये दिखाया   

रिंग रोड के लिए सरनिया में गाटा संख्या 156 का भू-उपयोग बदला और फिर उस पर बने गोदाम का मनमाने तरीके से मूल्यांकन करके अधिक मुआवजा तय किया गया। 25 लाख के गोदाम का मूल्यांकन 2.95 करोड़ रुपये कर दिया गया। जांच कमेटी का कहना है कि भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाता तो मूल्यांकन 1.57 करोड़ रुपये होता। साथ ही 12 प्रतिशत ब्याज की धनराशि भी  52.13 लाख के स्थान पर मात्र 13.56 लाख होती। 

इस प्रकार भूमि अर्जन पर 3.29 करोड़ रुपये की राजस्व हानि सामने आई। परिसंपत्तियों का मूल्यांकन 5.41 करोड़ रुपये अधिक किया गया। मामले में मोहम्मद शाहिद, मुजीब अहमद, मोहस्सीम, मो.वाहिद पुत्रगण हनीफ अहमद ने इस तरह से 8.70 करोड़ रुपये अधिक मूल्यांकन कराया।


सिथरा में 2.30 करोड़ रुपये से ज्यादा हासिल करने का प्रयास
नवाबगंज तहसील के ग्राम सिथरा के गाटा संख्या-52 रकबा 0.2530 हेक्टेयर ब्रिक्स पार्टनर/प्रबंधक महेश चंद्र अग्रवाल के नाम दर्ज है। जांच में पाया गया कि भू-उपयोग परिवर्तन कर 3.34 करोड़ रुपये का प्रतिकर तय किया गया। भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाता तो मात्र 1.02 करोड़ रुपये का प्रतिकर देय होता। इस प्रकार 2.31 करोड़ रुपये मूल्यांकन अधिक कराया गया। इसमें भुगतान नहीं हुआ।

कृषि भूमि पर भवन दिखाया, मुआवजा लेकर मलबा हटाया
नवाबगंज तहसील के गांव गरगईया में गाटा संख्या 117 पर भवन दर्शाकर रुखसाना पत्नी शमशाद के लिए 8.58 करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया गया। परिसंपत्ति के स्क्रैप का मूल्यांकन किया गया होता तो 30 फीसदी कटौती होती और मुआवजा 6.89 करोड़ रुपये होता। इस तरह से 1.68 करोड़ रुपये की क्षति सामने आई। मुआवजा लेने के बाद भी रुखसाना ने भवन का मलबा हटवा दिया। जांच समिति ने उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की संस्तुति की है। वसूली भी हो सकती है।


बुलंदनगर में 2.18 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान 
नवाबगंज तहसील के ग्राम लभेड़ा उर्फ बुलंदनगर स्थित गाटा संख्या-412 रकबा 9.706 हेक्टेयर अब्दुल शमी खां, अब्दुल हमीद खां, अब्दुल वशी खां के नाम है। भू-उपयोग परिवर्तन कर इन लोगों को पांच करोड़ का प्रतिकर भुगतान किया गया। भू उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाता तो भूमि के लिए मात्र 2.82 करोड़ रुपये का प्रतिकर देय होता। इस प्रकार 2.18 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान न होता।

तीन करोड़ रुपये ज्यादा तय किया गया मुआवजा
सदर तहसील के गांव वरकापुर स्थित गाटा संख्या-369 रकबा 0.4690 हेक्टेयर ममता मनचंदा, वरुण मनचंदा के नाम दर्ज है। भू उपयोग परिवर्तन कर 3.96 करोड़ रुपये का प्रतिकर तय किया गया। यदि भू उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाता तो मात्र 93.69 लाख रुपये का प्रतिकर देय होता। इस प्रकार 3.02 करोड़ रुपये अधिक निर्धारित किए जाने का अनुमान है। 


तथ्यों को छिपाकर अधिक प्रतिकर हासिल किया
नवाबगंज तहसील के खाईखेड़ा के गाटा संख्या-458 रकबा 0.0938 हेक्टेयर कमला भारतीय पत्नी विक्षेंद्र पाल भारतीय के नाम दर्ज है। जांच में पाया गया कि भू-स्वामी ने तथ्यों को छिपाकर 15.68 लाख रुपये प्रतिकर प्राप्त किया। जबकि नियमानुसार इनको 5.89 लाख रुपये का प्रतिकर देय होता। अनुमानित 9.78 लाख रुपये अधिक प्राप्त किए गए। भूस्वामी कमला भारतीय के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की संस्तुति की गई।

भू उपयोग परिवर्तन कर लिया अधिक मुआवजा
सदर तहसील के ग्राम रिठौरा में गाटा संख्या-1521 रकबा 0.455 हेक्टेयर अशोक कुमार गुप्ता व अंजनी देवी के नाम दर्ज है। जांच में पाया गया कि भू उपयोग परिवर्तन कर इन्हें 16.83 लाख रुपये का प्रतिकर भुगतान किया गया है। यदि भू उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाता तो मात्र 6.21 लाख रुपये का प्रतिकर देय होता। इस प्रकार 10.61 लाख रुपये की राजस्व हानि हुई।


मुआवजे के लिए भू-उपयोग बदला 

नवाबगंज तहसील के ग्राम सिथरा में गाटा संख्या-52 रकबा 0.2530 हेक्टेयर में भू-उपयोग परिवर्तन कर महेश चंद्र पुत्र रतन लाल को 1.38 करोड़ रुपये का प्रतिकर तय किया गया। यदि भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाता तो 48.69 लाख रुपये प्रतिकर देय होता। इस प्रकार 89.84 लाख रुपये अधिक मूल्यांकन किया गया। भुगतान नहीं हुआ था।

ढाई करोड़ का अधिक भुगतान

नवाबगंज तहसील के ग्राम लभेड़ा उर्फ बुलंदनगर में गाटा संख्या-407 रकबा 2.782 हेक्टेयर हमीद खां के पुत्र अब्दुल शमी खां व अब्दुल वशी खां के नाम दर्ज है। भू उपयोग परिवर्तन 4.55 करोड़ रुपये का प्रतिकर भुगतान किया गया। यदि भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाता तो  2.03 करोड़ रुपये का प्रतिकर देय होता। इस प्रकार 2.51 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान हुआ। 

पीलीभीत के किसानों की जमीन भी औने-पौने दामों पर खरीदी गई थी, देखें वीडियो 


यह भी जानें

  • बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण के तहत बरेली जिले के 36 गांवों के 2,932 किसानों/लाभार्थियों की 74.0888 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। इसके लिए 243.12 करोड़ रुपये प्रतिकर निर्धारित हुआ है।
  • अब तक 2295 किसानों/लाभार्थियों को 216.16 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। 637 किसानों/लाभार्थियों को 26.96 करोड़ रुपये प्रतिकर का भुगतान होना है।
  • जांच कमेटी ने परीक्षण के बाद मुख्य रूप से 50 लाख रुपये से अधिक की धनराशि के मुआवजे के भुगतान होने वाले 55 प्रकरण, 20 लाख रुपये से अधिक प्रतिकर वाले प्रकरण और भू उपयोग परिवर्तन के सभी 23 प्रकरणों का परीक्षण किया।
  • परीक्षण में संदिग्ध प्रतीत होने वाले 15 प्रकरणों का सघन परीक्षण व स्थलीय निरीक्षण किया गया। इसमें छह प्रकरण सही प्रतीत हुए और नौ संदिग्ध पाए गए।


पीडब्ल्यूडी अभियंताओं ने जांच को बताया द्वेषपूर्ण
मूल्यांकन एनएचएआई की कंसल्टेंट एजेंसी ने किया था। जिलाधिकारी के सर्किल रेट के अनुरूप मूल्यांकन किया गया था। हमने सिर्फ स्ट्रक्चर की लंबाई-चौड़ाई व सर्किल रेट का सत्यापन किया, जो सभी पहलुओं पर सही पाए गए थे। – नारायण सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी (31 अगस्त को सेवानिवृत्त)

तकनीकी जांच द्वेषपूर्ण है। पीडब्ल्यूडी द्वारा दो लाख से अधिक धनराशि के स्ट्रक्चर का मूल्यांकन आने पर कैबिनेट की स्वीकृति की आवश्यकता होती है। इस प्रकरण में सिर्फ सत्यापन किया गया है। तत्कालीन अधिशासी अभियंता द्वारा स्वयं के पक्ष की सुनवाई के लिए प्रत्यावेदन जिलाधिकारी/ मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, लेकिन उसका संज्ञान में नहीं लिया गया। – स्नेहलता श्रीवास्तव, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी
 


Credit By Amar Ujala

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