यूपी- लकड़ी पर कपड़े के झूले को बनाया ‘एंबुलेंस’, तड़पते मरीज को लेकर ऐसे पहाड़ी रास्ता किया पार – INA
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार की तरफ से तमाम दावे किए जाते रहे हैं लेकिन कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जो सरकार के खोखले दावों की पोल खोलते रहे हैं . पन्ना जिले से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिले के पहाड़ी इलाके में बसे गांव के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. यहां न सड़क है न ही पीने का साफ पानी. वहीं एक बुजुर्ग महिला की तबीयत बिगड़ने पर उसे कंधों के सहारे अस्पताल पहुंचाने का वीडियो वायरल हो रहा है.
मामला पन्ना जिले के शाहनगर तहसील अंतर्गत कल्दा क्षेत्र के घने जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे ग्राम भोपार का है. जहां एक महिला की तबीयत बिगड़ने पर परिवार के लोग चादर और लकड़ी की एंबुलेंस बनाकर बीमार महिला को कंधों के सहारे अस्पताल पहुंचने को मजबूर हैं. इससे पहले इसी गांव के पास एक अन्य बीमार को भी इसी प्रकार अस्पताल पहुंचाया गया था.
78 साल बाद भी नहीं पहुंची सड़क
बीमार महिला का नाम जगरानी बाई गोंड़ पति खजान सिंह गौड़ बताया गया है. पन्ना जिले में भले ही हैंगिंग ग्लास ब्रिज का निर्माण हो रहा हो एवं नेशनल हाईवे में एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण की बात चल रही हो. लेकिन आजादी के 78 सालों के बाद भी पन्ना जिले के कई आदिवासी गांव में सड़क बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
दूषित पानी पीने को मजबूर लोग
सड़क नहीं होने से बारिश के दिनों में कई गांव के रास्ते बंद हो जाते हैं. बिजली के अभाव में कई गांव के लोग इस आधुनिक युग में भी पुराने जमाने का जीवन जीने को मजबूर हैं. पेयजल सुविधा के अभाव में दूषित पानी पीने से कई गांव बीमारियों कि चपेट में हैं.
ये पहली बार नहीं है जब किसी बीमार के कंधों के सहारे अस्पताल पहुंचाया गया हो. इससे पहले भी इस तरह के कई ऐसे मामले आ चुके हैं जो सरकारी दावों की पोल खोलते हैं. मूलभूत सुविधाएं न होने कारण लोगों को हर रोज समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
(रिपोर्ट- राकेश पाठक/ पन्ना)
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