खबर शहर , अरे वाह: पुलिस ने मृतक के खिलाफ की विवेचना, कोर्ट में लगा दी चार्जशीट; जानें पूरा मामला – INA

उत्तर प्रदेश के आगरा में छह साल पहले कोर्ट के आदेश पर हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट लगाई। पांच साल बाद एक आरोपी मंगल सिंह को जेल भेजा। जमानत पर छूटने के बाद आरोपी ने पुलिस की विवेचना पर सवाल उठा दिए हैं। दावा किया कि मुख्य आरोपी की मौत मुकदमा दर्ज होने से दो साल पहले ही हो गई थी। फिर भी विवेचना में इसे शामिल नहीं किया। पुलिस की गलत विवेचना से उसे जेल जाना पड़ा।

वर्ष 2018 में कोर्ट के आदेश पर थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज हुआ था। वादी श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के शाखा प्रबंधक नवीन गौतम थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कैलाश, न्यू आगरा निवासी प्रताप ने एक गाड़ी फाइनेंस कराई। दयानंद नगर, नगला पदी निवासी मंगल सिंह राना गारंटर थे। आरोप लगाया कि प्रताप ने ऋण की अदायगी नहीं की। कर्मचारियों ने जानकारी मांगी तो प्रताप ने गाली-गलाौज की, धमकी दी।


मामले में विवेचना के बाद पुलिस ने 17 दिसंबर 2019 को चार्जशीट लगा दी। मंगल सिंह का कहना है कि जिस समय मुकदमा दर्ज हुआ, उससे दो साल पहले प्रताप सिंह की 28 सितंबर 2016 को मौत हो गई थी। पुलिस ने फर्जी विवेचना की। झूठे नोटिस तामील कराए। उनके पास प्रताप सिंह का मृत्यु प्रमाणपत्र भी है।
 


उधर, 27 जनवरी को हरीपर्वत पुलिस ने मंगल सिंह को जेल भेजा। 19 दिन बाद जमानत मिली। उन्होंने पुलिस आयुक्त से शिकायत की। जांच एसीपी हरीपर्वत आदित्य सिंह को दी गई है। उन्होंने बताया कि पूर्व में की गई विवेचना की स्थिति का पता किया जा रहा है। इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी।


Credit By Amar Ujala

Back to top button