खबर शहर , पांच साल के मासूम का घोंटा गला: शरीर पर दिए ऐसे निशान, देखकर कांप गए लोग; बेटे की हत्या से परिवार बेहाल – INA

आगार के बरहन में बेटे मुन्नू के लिए बहुत मन्नतें मांगी थीं। कहां-कहां नहीं गए। चिकित्सकों से पत्नी का इलाज कराया। आखिर में मुन्नू के रूप में खुशियां आईं। बेटे की चहलकदमी से हर कोई चहक उठता था। ताऊ, दादा सभी का लाडला था। उस दिन वो ट्यूशन पढ़कर घर आया। बच्चे की मां दूध पीने के लिए पुकारती रह गईं। वो खेलकर आने की कहकर गया लेकिन लौटा नहीं। मिला भी तो इस हाल में…। यह कहते हुए पिता संजय रोने लगते हैं।

संजय कहते हैं कि किसी का क्या बिगाड़ा था जो मासूम बेटे की जान ले ली। जिसने भी बेटे की जान ली, उसे कड़ी सजा मिले। मुन्नू की माैत से परिवार में हर कोई दुखी है। मां लता बेहाल हैं। बाबा सूबेदार सिंह के आंसू नहीं रुक रहे। संजय ने कहा कि बेटे की जान लेकर घर का चिराग बुझा दिया गया। बाबा ने कहा कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी। अनजाने में किसी ने दुश्मनी की गांठ बांध ली हो तो नहीं पता। कुछ दिन पहले गांव के एक व्यक्ति के नशा में अभद्रता करने पर विवाद हुआ था।

 


पुलिस ने की लापरवाही
संजय किसान हैं। तीन भाइयों में मझले हैं। उनके पिता सूबेदार सिंह बीएसएनएल से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को खोजी कुत्ता घटनास्थल की तरफ गया था। गांव से 700 मीटर दूरी पर नगला नत्था के पास रेलवे का नया पुल बन रहा है। वहां पुलिस को मयंक उर्फ मुन्नू की चप्पलें मिल गईं। मगर, पुलिस ने लापरवाही की, . तलाश नहीं की। . चार किलोमीटर दूर ही शव मिला। अगर, पुलिस . जाती तो शायद मुन्नू मिल जाता।

 


सुधबुध खो बैठी मां
मुन्नू की तलाश में परिवार के लोग दो दिन से लगे थे। सोमवार दोपहर 12 बजे शव मिलने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पता चलते ही परिवार के लोग सकते में आ गए। ताऊ सुरेंद्र पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे तो जमीन पर गिर गए। पिता संजय को लोगों ने संभाला। उधर, मां को बेटे की हत्या की जानकारी नहीं दी गई। शाम को शव पहुंचा तो वह सुधबुध खो बैठीं। परिजन काफी देर बाद उन्हें संभाल सके।

 


राखी नहीं बांध पाएंगी बहनें
संजय की दो बेटियां 9 साल की साक्षी और 6 साल की प्रिया हैं। मुन्नू 5 साल का था। जुलाई में ही उसका जन्मदिन मनाया था। रक्षाबंधन पर बहनों ने भाई को राखी बांधी थी। अब बहनें रोते हुए कह रही थीं कि भाई चला गया, अब राखी नहीं बांध पाएंगी।
 


Credit By Amar Ujala

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