यूपी- Prayagraj Flood: 10 हजार घर डूबे, 1640 लोग हुए बेघर, सड़कों पर चल रहीं नाव… संगम नगरी प्रयागराज में बाढ़ से हाहाकार – INA

जहां पूरे देश में इस वक्त बारिश से मौसम सुहावना बना हुआ है तो वहीं ये बारिश उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के लोगों पर आफत बनकर बरस रही है. यहां पड़ोसी राज्यों और इलाकों में हो रही तेज बारिश ने प्रयागराज का हाल बेहाल कर दिया है. जिले में गंगा और यमुना, दोनों नदियां खतरे के निशान को छूने के पास पहुंच चुकी हैं. हजारों लोग इससे प्रभावित हैं. सैकड़ों गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट चुका है. दस हजार परिवार बाढ़ से सीधे प्रभावित हैं. अपने ही शहर में हजारों लोग शरणार्थी बन गए हैं.

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के पानी ने लोगों की नींद उड़ा दी हैं. दोनों नदियां खतरे के निशान को छूने को बेताब हैं. कुछ ही सेमी का फासला रह गया है. बाढ़ के चलते शहर के 20 से ज्यादा मोहल्ले और 150 से ज्यादा गांव प्रभावित हो गए हैं. सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है. गलियों में सड़कें नहीं नावें चलने लगी हैं. जिले में दस हजार से ज्यादा लोग किसी न किसी रूप में बाढ़ से प्रभावित हैं. बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण भी ले चुके हैं.

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बाढ़ के पानी में आ रही गिरावट

सुकून की बात यह है की फिलहाल दोनों नदियों में बाढ़ के पानी में गिरावट दर्ज होना शुरू हो गई है. जिले के 84.734 मीटर पर खतरे का निशान माना गया है. दोनों नदियों का जलस्तर सोमवार की सुबह 84.10 मीटर पहुंच गया था जबकि खतरे का निशान 84.73 मीटर है. वहीं मंगलवार को शाम चार बजे जिला प्रशासन की तरफ से जारी बाढ़ बुलेटिन के मुताबिक नैनी में यमुना नदी 83.59 मीटर पर, फाफामऊ में गंगा 83.91 मीटर पर, इसी तरह छतनाग में 82.81 मीटर पर बह रही थी. फिलहाल, दोनों नदियां 4 सेमी की रफ्तार से घटने लगी हैं.

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प्रशासन ने सड़कों पर उतारीं 60 नाव

गंगा और यमुना का जलस्तर भले ही कम हो रहा हो, लेकिन राहत शिविरों में लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. दूसरे दिन सोमवार रात तक शहर में बनाए गए सात राहत शिविरों में कुल 374 परिवारों के 1640 लोगों ने शरण ले रखी थी. बाढ़ और आपदा प्रभारी विनय कुमार सिंह बताते हैं कि आम नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कुल 60 नावों को उतार दिया गया है. लगातार राहत और बचाव का काम जारी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ में फसें लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रही हैं. राहत शिविरों में लोग आ रहे हैं. सभी के लिए भोजन पानी का बंदोबस्त किया गया है. साथ ही मेडिकल टीमें अलर्ट पर हैं. सभी जगह एसडीएम को लगातार निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं. फिलहाल, लोग काफी डरे हुए हैं, उनको राहत दी जा रही है.


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