अवैध हास्पिटल मे चिकित्सक की लापरवाही से प्रसूता की मौत, विभाग मौन
🔵स्वास्थ्य महकमा के जिम्मेदारो के संरक्षण में संचालित हो रहे अवैल अस्पतालों मे चल रहा है मौत का खेल
🔴 हास्पिटल वैध है या अवैध जांच के नाम पर स्वास्थ्य विभाग का कार्रवाई सिफर
कुशीनगर । स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारो के संरक्षण मे जनपद में बेखौफ रुप से संचालित हो रहे अवैध अस्पतालो में लोगों के जिन्दगी से खेलने कि सिलसिला जारी है। रविवार को रवीन्द्रनगर थानाक्षेत्र के धर्मपुर बुर्जुग स्थित मेडविन अस्पताल के चिकित्सक की लापरवाही ने एक प्रसूता की जान ले ली।नतीजतन हर बार कि तरह अस्पताल के संचालक और चिकित्सक हास्पिटल छोडकर फरार हो गये। हो-हल्ला के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित को समझा-बुझाकर शांत किया, शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और हास्पिटल के चार स्टाप को हिरासत मे लेकर थाने लेकर आयी, जबकि स्वास्थ्य महकमा के जिम्मेदारो के सिर पर जू तक नही रेगां।
बतादे कि जनपद के जिला मुख्यालय रविंद्र नगर थाना क्षेत्र के कोहड़ा गांव के निवासी उपेंद्र यादव की 28 वर्षीय पत्नी उर्मिला देवी गर्भवती थी। रविवार को भोर में तकरीबन चार बजे प्रसव पीड़ा होने पर घर वालों ने आशा कार्यकत्री को फोन किया। बताया जाता है कि आशा कार्यकत्री प्रसूता को सरकारी अस्पताल में ले जाने के बजाए धर्मपुर बुजुर्ग के पास अवैध रूप से संचालित मेडविन अस्पताल पर लेकर पहुंची जहां अस्पताल संचालक ने प्रसूता के परिजनो से नार्मल डिलिवरी कराने की बात कहकर प्रसूता को भर्ती कर लिया ।
🔵संचालक ने नाजुक स्थिति की दी दुहाई, आपरेशन करने की बात कही
परिजनो की माने तो दोपहर में हास्पिटल के संचालक ने माँ के पेट में ही बच्चे के मुंह में गंदा पानी चले जाने की बात कह ऑपरेशन करने की बात कही। यह सुन परिजन घबडा गये, कोई विकल्प न देखकर घर वाले आपरेशन के लिए राजी हो गए। परिजनो का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक की घोर लापरवाही व अधिक रक्तस्राव से प्रसूता की मौत हो गई।
🔵 मेडविन हास्पिटल ने प्रसूता के मौत के बाद किया रेफर
मृतका के परिवार का आरोप है कि चिकित्सक की लापरवाही के वजह से जब प्रसूता कि मौत हो गयी तो हास्पिटल प्रबंधन ने प्रसूता को जिंदा बताकर गोरखपुर एक निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिजन मरीज को गोरखपुर ले जाने लगे तभी उन्हें पता चला कि मरीज की मौत हो चुकी है। इसके बाद परिजन अपने रिश्तेदारों और गांव वालों को फोन कर सूचना दिया और शव लेकर निजी अस्पताल पहुंचे। परिजन अस्पताल पर पहुंच चिकित्सक कि लापरवाही को लेकर हो-हल्ला करने लगे। यह देखकर संचालक और ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर पीछे के रास्ते से भाग निकले। नाराज लोगों ने प्रसूता का शव अस्पताल के सामने सड़क पर रखकर हंगामा करने लगे। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।सूचना पर पहुंची पुलिस ने जबरन सड़क से जाम हटाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों का तेवर देख पुलिस बैकफुट पर आ गई। कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद नाराज लोग शांत हुए। वहीं नवजात बच्चे को पडरौना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के बाद नवजात के स्वास्थ्य में सुधार बताया जा रहा है।
🔴 पुलिस स्टाफ को हिरासत में लेकर थाने लेकर आयी
मौके पर पहुंची रवीन्द्रनगर पुलिस ने मेडविन हास्पिटल अस्पताल में मौजूद स्टाफ (दो युवक और दो युवतियों) को हिरासत में लेकर थाने लेकर आयी। मृतका के पति उपेंद्र यादव ने पुलिस को डॉक्टर व संचालक के खिलाफ ऑपरेशन में लापरवाही से मौत होने की तहरीर दिया है। सीओ सिटी अभिषेक प्रताप अजेय ने बताया कि सड़क जाम की सूचना पर पुलिस गई थी। जाम खत्म कराने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घर वाले तहरीर दिए हैं। केस दर्ज किया जा रहा है।
🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य