खबर शहर , Diwali: इस दिवाली 100 करोड़ के पार पहुंचेगा मूर्ति कारोबार, मिलने लगे ऑर्डर, दिन रात चल रहा काम – INA

इस दीपावली पर अलीगढ़ में मूर्तियों का बड़ा कारोबार होने जा रहा है। जिस तरह से देश और विदेशों से ऑर्डर आ रहे हैं उस हिसाब से कारोबार 100 करोड़ के पार पहुंचेगा। श्रीगणेश-लक्ष्मी, माता दुर्गा जी, श्रीराम परिवार, हनुमान जी, कुबेर जी, श्रीयंत्र, दीपक, मंदिर, सिंहासन, घंटी और पूजा पाठ का सजावटी सामान अभी से ही देश के कई हिस्सों में सप्लाई होने लगा है। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और सिंगापुर के भी काफी ऑर्डर निर्यातकों को मिल चुके हैं। खास बात ये है कि आनलाइन मार्केट में भी अलीगढ़ में बनी मूर्तियां धूम मचा रही हैं।

इस बार मूर्तियों की अच्छी डिमांड है। खरीददार अधिकतर श्रीराम की मूर्ति को प्राथमिकता दे रहे हैं, साथ ही अन्य मूर्तियां भी बिक रही हैं। – सुशील मित्तल, ब्रास कलेक्शन, समद रोड, अलीगढ़।

नवरात्र और दिवाली को लेकर मूर्तियों की मांग शुरू हो गई है। पीतल महंगा होने से हल्के आइटम की मांग ज्यादा है। आपूर्ति भेजी जा रही है।-हनुमंत राम गांधी, अध्यक्ष अलीगढ़ ब्रास एंड स्टैचू आर्टवेयर एसोसिएशन।

गणेश लक्ष्मी, दुर्गा, श्रीकृष्ण-राधा, राम दरबार, शंकर जी की मूर्तियों की मांग सर्वाधिक है। विदेश और पूरे देश में इसकी मांग हो रही है।-मोहित गुप्ता, स्मार्ट मूर्ति निरंजनपुरी।

समद रोड स्थित ब्रास कलेक्शन में श्रीराम चंद्र की मूर्ती पसंद करते लोग

ऑर्डर तैयार करने के लिए दिन रात चल रहा काम

मूर्तियों के लिए भी अलीगढ़ की पहचान देश भर में है। यहां 100 से ज्यादा कारखाने हैं, जबकि पचास के करीब फैक्टरियां हैं। क्योंकि दीपावली में सवा माह का वक्त ही रह गया है, लिहाजा मूर्तियां तैयार करने के लिए दिन रात काम चल रहा है। लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां बड़े पैमाने पर तैयार की जा रही हैं।

50 रुपये से लेकर 80 हजार तक की मूर्तियां


यहां के कारखानों में पीतल की मूर्तियां 50 रुपये से लेकर 80 हजार तक की बनाई जा रही हैं। इन्हें बेहद ही आकर्षक रूप से तैयार किया जा रहा है। कारोबारियों का कहना है कि छोटी मूर्तियां की मांग ज्यादा होती है। छोटी मूर्ति 50 रुपये 150, 250 और 500 तक की बन रही हैं। मूर्तियों की सबसे ज्यादा मांग मध्यप्रदेश, बिहार और राजस्थान से है। यहां के कारोबारियों का कहना है कि कुछ जगहों पर अभी से मूर्तियों की सप्लाई की जाने लगीं हैं।

पिछले साल हुआ था 70 करोड़ का कारोबार
ताले के लिए तो अलीगढ़ मशहूर है ही मूर्तियों के लिए भी यहां की पहचान है। पिछले साल अलीगढ़ में मूर्ति कारोबार 70 करोड़ के करीब था लेकिन इस बार बढ़कर 100 करोड़ पहुंचने का अनुमान है। निर्यातक सुशील मित्तल का कहना है कि पीतल के रेट तो बढ़ रहे हैं लेकिन मूर्ति की मांग भी खूब है। दिवाली पर हर कोई अपने घर में भगवान की मूर्ति लाना चाहता है।
मूर्ति
तीन साल से लगातार बढ़ रहे पीतल के दाम

  • 2019 में 310 रुपये किलो
  • 2020 में 310 रुपये किलो
  • 2021 में 460 रुपये किलो
  • 2022 में 485 रुपये किलो
  • 2023 में 495 रुपये किलो
  • 2024 में 525 रुपये किलो

केरल से अमेरिका, आस्ट्रेलिया तक हो रही आपूर्ति


देश में मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु में अलीगढ़ की बनी मूर्तियों की आपूर्ति होती है। विदेश में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इंग्लैंड में इनकी मांग सर्वाधिक है। जहां पर आपूर्ति भेजी जा रही है।

इन मूर्तियों की मांग होती है
गणेश-लक्ष्मी, दुर्गा जी, श्रीराम परिवार, हनुमान जी, कुबेर जी, श्रीयंत्र, दीपक, सजावट का सामान, मंदिर, सिंहासन, घंटी और सजावटी सामान।

कारोबारियों की मांग

  • मूर्ति निर्माता हस्तशिल्पियों के लिए एक डिस्प्ले सेंटर बने। जहां पर इनकी प्रदर्शनी मुफ्त हो सके।
  • मूर्ति की ढलाई करने वाले परंपरागत तरीकों को बदल कर आधुनिक मशीनों से यह काम हो।
  • कुशल कारीगरों की कमी को दूर करने के लिए युवाओं को इसका प्रशिक्षण दिया जाए।


Credit By Amar Ujala

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