यूपी – पुलिस की पाठशाला: पीलीभीत में एएसपी ने छात्राओं को पढ़ाया सुरक्षा का पाठ, साइबर अपराध से ऐसे करें बचाव – INA

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। नई तकनीक से अच्छे काम हो रहे हैं, वहीं अपराधी इसका प्रयोग हथियार के रूप में भी कर रहे हैं। इससे लोगों को आर्थिक और मानसिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि स्मार्टफोन का सकारात्मक प्रयोग किया जाए। यह बातें अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विक्रम दहिया ने बृहस्पतिवार को अमर उजाला की ओर से जीजीआईसी में आयोजित पुलिस की पाठशाला में कहीं।      

                        

छात्राओं को संबोधित करते हुए एएसपी विक्रम दहिया ने कहा कि स्मार्टफोन से एक ओटीपी साझा होने से आपकी जीवन भर की पूंजी खाली हो सकती है। किसी के साथ ओटीपी साझा न करें। छात्राओं से कहा कि कोई भी समस्या होने पर डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई छेड़खानी कर रहा है या फिर स्कूल से घर जाने तक परेशान कर रहा है। ऐसे में तत्काल शिक्षक, अभिभावक या पुलिस से मदद लें। इसमें शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाता है।  

अपराधी डीपफेक से बना रहे वीडियो 

एएसपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट की प्राइवेसी बनाए रखें। किसी अनजान से बात न करें और न ही उससे अपनी जानकारी साझा करें। आजकल डीपफेक के माध्यम से ऐसी वीडियो बनाई जा रही हैं, जिसमें किसी का भी चेहरा गलत तरीके से लगाया जा सकता है। किसी भी व्यक्ति की आवाज का सैंपल लेकर उसी आवाज में कुछ भी बुलवाया जा रहा है।


अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आए तो न करें रिसीव 
एएसपी ने बताया कि इस तरह के मामले में भी सामने आते रहते हैं जिनमें लोगों को अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आती है। इसे रिसीव करने पर आपकी वीडियो को रिकॉर्ड कर लिया जाता है। इसके बाद अपराधी वीडियो में छेड़छाड़ कर व्यक्ति को ब्लैकमेल करते हैं, जिसमें कई बार लोग मजबूर होकर रुपये भी दे देते हैं। ऐसे मामले पढ़े-लिखे, संभ्रांत लोगों के साथ भी हो रहे हैं। इसलिए कभी अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आए तो कैमरे पर उंगली रख लें या उसका कैमरा छत की ओर कर दें। इससे आपकी वीडियो सामने वाले के पास नहीं पहुंच सकेगा। 

आपात नंबरों को रखें याद
एएसपी ने छात्राओं को मिशन शक्ति के प्रति जागरूक किया। साथ ही आपात स्थिति में काम आने वाले नंबरों 1090, 112 व 100 आदि की जानकारी दी। कहा कि भारत का कोड +91 है। इसके अलावा अगर किसी दूसरे कंट्री कोड से कॉल आए तो उसे न उठाएं। बताया कि महिला पुलिस सुरक्षा के लिए सादा कपड़ों में विद्यालयों व चौराहों पर खड़ी रहती है, ताकि अराजक तत्व महिलाओं को परेशान नहीं कर सके। 


सवाल जवाब 
छात्रा मनीषा: साइबर अपराध से बचाव कैसे किया जा सकता है?- मनीषा, छात्रा
एएसपी: स्मार्ट फोन का सकारात्मक इस्तेमाल करें। ओटीपी किसी से साझा नहीं करें। साथ ही सोशल मीडिया पर भी ज्ञात लोगों से संपर्क नहीं करें। 
छात्रा दिव्या: अगर कोई परेशान कर रहा है तो क्या करना चाहिए?- दिव्या, 
एएसपी: किसी भी छात्रा को अगर कोई परेशान कर रहा है तो वह डरे नहीं बल्कि इस बात को शिक्षक, अभिभावक के साथ साझा करे। पुलिस की मदद ले, जहां गोपनीयता के साथ सहायता की जाएगी। 


इन बातों का रखें ध्यान 

– ओटीपी किसी के साथ साझा नहीं करें। 

– यातायात नियमों का पालन करें।

– समस्या होने पर घबराएं नहीं, किसी से साझा करें।

– सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनजान लोगों से संपर्क नहीं करें।


Credit By Amar Ujala

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