खबर शहर , Kanpur: घरों में घुसा पांडु नदी का पानी, पंप हाउस किनारे पन्नी तान रहे लोग, मंजर बयां करती तस्वीरें – INA

कानपुर देहात निवासी सुनीता की झोपड़ी भी पांडु नदी की बाढ़ में डूब गई। गैस सिलिंडर भी नहीं निकाल पाईं। पास में तीन-चार सौ रुपये थे। उस पैसे से पन्नी खरीदकर पति और बच्चों संग पंप हाउस के पास तानकर रह रही हैं। सुनीता ने बताया कि बुधवार को बच्चों को भोजन दिया, लेकिन देर शाम तक रुपये खत्म हो गए। भाेजन की व्यवस्था न कर पाने पर लाचार होकर बच्चों को पति संग गांव भेज दिया।

यह पीड़ा सुनीता की ही नहीं गुजैनी, वरुण विहार, कच्ची बस्ती, बर्रा आठ, मेहरबान सिंह का पुरवा के जलमग्न होने से पंप हाउस किनारे पन्नी तानकर रह रहे कई लोगों की है। गुरुवार को भी पांडु नदी का जलस्तर कम नहीं होने से लोग पलायन को मजबूर हैं। लोगों का मानना है पानी घटने के बाद स्थितियां और बिगड़ेंगी। बीमारियों का डेरा होगा। असहाय लोग अब भी भूखे पेट खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं।


अचानक आया पानी, भागे सुरक्षित स्थान की ओर
वरुण विहार कच्ची बस्ती के पास ही पंप हाउस के किनारे खाली पड़ी जगह पर ठहरे लोगों ने बताया कि इस बार नदी का पानी अचानक घर में घुस आया। इस पर सभी लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। राशन व गृहस्थी का अन्य सामान खराब हो गया है। पंप हाउस के पास लगभग 10 अस्थायी टेंट लगे हैं। लेकिन उनके मुखिया मौके पर नहीं मिले। जानकारी की तो पता चला कोई कमरा देखने गया है तो कोई बच्चों के लिए राशन पानी का इंतजाम करने।


सुबह जलस्तर घटा लेकिन पानी छोड़े जाने से फिर बढ़ गया
विश्वबैंक स्थित कंपोजिट स्कूल में राहत शिविर का संचालन कर रहे लेखपाल अमित कुमार दीक्षित ने बताया कि गुरुवार सुबह जलस्तर कुछ घटा था लेकिन दोपहर में पीछे से पानी छोड़े जाने के बाद फिर बढ़ गया। गुरुवार सुबह तक सात परिवारों के लगभग 40 लोग रहने आ गए हैं। बुधवार रात लगभग 70 लोगों ने रात का भोजन किया। लेकिन कई लोग यहां ठहरे नहीं। लोगों को ई रिक्शे से राहत शिविर में लाया जा रहा है। सुबह 8 बजे नाश्ते में चाय-ब्रेड और दूध, दोपहर में तहरी और रात में दाल, चावल, रोटी और सब्जी का इंतजाम किया जाएगा। लोगों की संख्या के हिसाब से स्कूल के दो हाल में रहने की व्यवस्था की गई है। यदि और लोग बढ़ते हैं तो स्कूल के अन्य कमरों में ठहराया जाएगा।


पनका गांव में घुसा पानी
पांडु नदीं में बाढ़ का पानी आने से पनकी क्षेत्र का पनका गांव भी जलमग्न हो गया। करीब 15 घरों में पानी भर गया है। लोग अपनी छतों पर तिरपाल तानकर गुजारा कर रहे हैं। उनके खाने पर संकट मंडराने लगा है। प्रशासन की तरफ से अभी कोई मदद नहीं पहुंचाई गई है। वहीं, देशामऊ और जगतपुर गांव के हालात अभी भी बदतर हैं। अभी गांव से पानी नहीं निकल पाया है। तहसीलदार रितेश कुमार सिंह ने ग्रामीणों को अलर्ट किया है। लेखपालों की सक्रियता बढ़ा दी गई है।


दो दिन से सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं। कोई सरकारी अधिकारी पूछने तक नहीं आया है। अगर चूल्हा और सिलिंडर न निकालते तो भूखे मरने की नौबत आ जाती। – शकुंतला
पत्नी और दो बच्चों संग पन्नी के नीचे दो दिन से पड़े हैं। किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है। गृहस्थी का सामान छोड़कर स्कूल जाएंगे तो यहां का सामान कौन देखेगा। – भगवानदीन
वरुण विहार कच्ची बस्ती के डूब क्षेत्र में झोपड़ी है। गृहस्थी और बच्चों के बस्ते डूब गए। अब बच्चों को स्कूल कैसे भेजेंगे। – सुनीता कश्यप
परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। 3500 रुपये किराये पर कमरा ले लिया है। सरकारी मदद नहीं पहुंची। पानी निकलने के बाद बस्ती में लौटेंगे। – विकास


Credit By Amar Ujala

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