यूपी – Aligarh: ताला और हार्डवेयर से 6 गुना बढ़ा मीट निर्यात, पहुंचा सालाना 7 हजार करोड़ के पार – INA

अलीगढ़ से भैंस-भैंसे का मीट निर्यात सात हजार करोड़ रुपये सालाना तक पहुंच गया है। ताला, हार्डवेयर, डोर फिटिंग और मूर्ति निर्माण में देश-दुनिया में नाम कमा चुके अलीगढ़ ने मीट निर्यात में बड़ी छलांग लगाई है। ताला और हार्डवेयर का निर्यात 1143 करोड़ रुपये सालाना है तो मीट निर्यात इससे लगभग छह गुना तक बढ़ गया है। डेढ़ दशक से यह कारोबार निरंतर तेज गति से . बढ़ रहा है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 54 करोड़ रुपये के स्टील आइटम, 70 करोड़ रुपये के ताले, 752 करोड़ रुपये के डोर फिटिंग आइटम, 267 करोड़ रुपये के फर्नीचर फिटिंग मैटीरियल का निर्यात हुआ। ये कुल रकम 1143 करोड़ रुपये होती है। इसकी तुलना में मीट के अलग-अलग हिस्सों को मिला कर सात हजार करोड़ रुपये का निर्यात हुआ।

अलीगढ़ में मीट निर्यात की शुरुआत हिंद एग्रो से हुई थी। 2000 के दशक में नई मीट निर्यातक यूनिटें स्थापित होना शुरू हुई हैं। बीते डेढ़ दशक में मीट निर्यात ने बड़ी छलांग लगाई है।-अजय यादव, सहायक प्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र।

वियतनाम से दुबई तक यहां से जा रहा मीट


अलीगढ़ से वियतनाम, मिश्र, ईराक, ईरान, दुबई, सउदी अरब, मलयेशिया, इंडोनेशिया सहित दस देशों में मीट निर्यात हो रहा है। सबसे ज्यादा निर्यात वियतनाम में हो रहा है। वियतनाम से यही मीट चीन को भेजा जाता है। पहले रूस तक निर्यात हुआ, लेकिन अब वहां आपूर्ति नहीं जा रही है। अलीगढ़ में एलाना ग्रुप, फेयर एक्सपोर्ट, अल-हम्द फूड एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, अल-दुआ, एचएमए, अल-हसन और अल-अम्मार, कुल सात बड़ी एक्सपोर्ट यूनिट कार्यरत हैं। इसमें एलाना और फेयर एक्सपोर्ट देश की बड़ी मीट निर्यातक कंपनियों में शुमार हैं।
एलाना फुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुैक्टरी अलीगढ़
अलीगढ़ मीट निर्यात यूनिटों के लिए मुफीद शहर
अलीगढ़ में भूसा-हरा चारा और भैंस-भैंसों की उपलब्धता बहुत सहज है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा तक के पशु यहां आसानी से आ जाते हैं। यहां पर बूचड़खानों के मजदूरों की उपलब्धता भरपूर है। इसके अलावा डायरेक्टर जनरल फारेन ट्रेड का रीजनल कार्यालय दिल्ली भी पास में हैं। इसीलिए मीट निर्यात यूनिटों का संख्या और कारोबार यहां बढ़ा है।

हाजी जहीर देश के 970वें अरबपति बने
29 अगस्त 2024 को जारी हुई हुरून इंडिया रिच लिस्ट में अलीगढ़ के प्रमुख मीट निर्यातक हाजी जहीर को देश के अरबपतियों में 970वां स्थान प्राप्त हुआ है। उनकी नेटवर्थ 2300 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। वे अलीगढ़ आयकर विभाग की टॉप टेन करदाता लिस्ट में वर्ष 2018 से शामिल हैं। अल-हम्द फूड एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के साथ वह दो मीट निर्यात यूनिटों के स्वामी हैं। उनके साथ एक अन्य मीट निर्यातक भी आयकर विभाग की करदाता लिस्ट में टॉपटेन में शुमार हैं।

आंकड़ों में ऐसे बढ़ा मीट निर्यात


  • वर्ष 2020-21 में पांच हजार करोड़ रुपये
  • वर्ष 2021-22 में पांच हजार 609 करोड़ रुपये
  • वर्ष 2022-23 में छह हजार 687 करोड़ रुपये
  • वर्ष 2023-24 में सात हजार करोड़ रुपये
  • वर्ष 2024-25 के तीन महीने में 1514 करोड़ रुपये

इनका होता है निर्यात
अलीगढ़ से भैंस-भैंसों का हड्डी युक्त मांस, हड्डी रहित मांस, चर्बी, पांव की नसें, छाती, कूल्हा, शरीर के अन्य अंगों का अलग-अलग रेट पर निर्यात होता है। इनकी कीमत भी अलग-अलग होती है। भैंसे का हड्डी रहित मांस सर्वाधिक निर्यात होता है। जिसे 25 किलो पैकेट में भेजा जाता है। इसकी चर्बी से दवाइयां, तेल और मुर्गी का दाना बनता है। ये सभी चीजें निर्यात होती हैं।

ये रहता है औसत भाव
जुलाई के बाद से मीट निर्यात बढ़ने लगता है। ठंड के मौसम में विदेशों में इसकी सर्वाधिक मांग रहती है। फ्रोजन मीट 255 से 260 रुपये किलो, कोल्ड मीट 360 रुपये किलो के भाव से विदेश जाता है। फ्रोजन को समुद्री जहाज से कोल्ड को हवाई जहाज से निर्यात किया जाता है। इसलिए कोल्ड की कीमत अधिक होती है। इस कीमत के अलावा भाड़ा व अन्य खर्च अलग से जोड़ा जाता है।
 


Credit By Amar Ujala

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