खबर शहर , दरोगा-रिमांड मजिस्ट्रेट प्रकरण: जांच रिपोर्ट पर लगीं सभी की निगाहें, एक दूसरे पर लगाए आरोपों की जांच हुई तेज – INA
अलीगढ़ के बन्नादेवी थाने में तैनात दरोगा और एक न्यायिक अफसर द्वारा एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों की जांच तेज हो गई है। जिला जज व एसएसपी के स्तर से जांच की जा रही है। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट के बाद आने वाले निर्णय पर टिक गई हैं।
पूरा घटनाक्रम 16 सितंबर का है। बन्नादेवी पुलिस ने पांच वाहन चोरों को आठ दो पहिया वाहनों के साथ पकड़ा था। इन सभी आरोपियों को रसलगंज चौकी प्रभारी सचिन कुमार रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के लिए लेकर पहुंचे थे। दरोगा सचिन कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें रात दस बजे तक वहां रोके रखा गया। कई बार न्यायिक अधिकारी ने अपने कक्ष में बुलाकर अभद्रता करते हुए धमकाया। इससे वह दुखी हो गया और आत्महत्या करने के लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। मगर, इलाका पुलिस ने दरोगा को ऐसा करने से पहले ही पकड़ लिया।
दूसरे दिन 18 सितंबर को रिमांड मजिस्ट्रेट के आदेश पर रिमांड रिपोर्ट भी एसएसपी व सीजेएम को भेजी गई। न्यायिक अधिकारी ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में विधिक सवाल पूछे जाने पर दरोगा पर उल्टे अभद्रता करने और धमकी देकर न्यायालय परिसर से चले जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने दरोगा के इस व्यवहार को न्यायालय की अवमानना भी माना है।