यूपी – एकात्मवाद सिद्धांत और परंपराओं को जीवंत करेगा पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला, 29 को होगा शुभारंभ – #INA

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पंडित दीनदयाल धाम में होगा चार दिवसीय भव्य आयोजन, जुटेंगे हजारों लोग

आध्यात्मिक प्रवचन सभा को संबोधित करेंगे उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज

दस हजार से अधिक अनुयायी पहुंचेंगे, शुभारंभ पर सैंकड़ों महिलाएं निकालेंगी कलश यात्रा

दर्जनों सांस्कृतिक, आध्यात्मिक कार्यक्रमों के साथ जिकड़ी भजन, रसिया दंगल होंगे आकर्षण

आगरा। समाज को एकात्मवाद का संदेश देने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर चार दिवसीय स्मृति महोत्सव मेला का आयोजन 29 सितंबर से आरंभ होगा। आयोजन में शहरवासियों की सहभागिता के लिए उद्घघाेषणा एवं आमंत्रण पत्र का विमोचन किया गया। रविवार को वाटरवर्क्स स्थित अतिथिवन में आयोजित समारोह में आमंत्रण पत्र का विमोचन पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला के संरक्षक एवं उप्र लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग, पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति के मंत्री केशव कुमार शर्मा, स्मृति महोत्सव समिति के मंत्री मनीष अग्रवाल रावी, संयोजक डॉ. प्रशांत गुप्ता, उपाध्यक्ष आशीष पाराशर, सहमंत्री निर्मला दीक्षित, बबिता पाठक, एड. चंचल गुप्ता और नवीन गौतम, मेला उपाध्यक्ष एवं भाजपा महानगर अध्यक्ष भानु महाजन, प्रचार विभाग आशीष भटनागर, विजय गोयल ने किया।

संरक्षक राकेश गर्ग अध्यक्ष उप्र लघु उद्योग निगम ने बताया कि 29, 30 सितंबर, 1,2 अक्टूबर को चार दिवसीय एकात्मवाद, परंपरा और संस्कृति को समर्पित पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला फरह के पं. दीनदयाल धाम में आयोजित होगा। मेले में ओझल होती संस्कृति को पुनः जीवंत किया जाएगा साथ ही ग्रामीण अंचल के संस्कार और परंपराओं की झलक देखने को मिलेगी। आसपास के क्षेत्र के लाखाें लोग मेला देखने प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी पहुंचेंगे।

जन्मभूमि स्मारक समिति के मंत्री केशव शर्मा ने कहा कि आगरा− मथुरा के मध्य स्थित फरह में पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म हुआ था। उनकी स्मृति में उनकी कुटिया आज भी संरक्षित है। उनका सिद्धांत था कि अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचना चाहिए। इसी संदेश को लेकर मेला आयोजित होता है।स्मृति महोत्सव समिति के मंत्री मनीष अग्रवाल रावी ने बताया कि मेले की पूर्व संध्या पर 28 सितंबर को 31 जोड़ों की उपस्थिति में सुंदर कांड एवं भजन का कार्यक्रम मेला परिसर स्थित मंदिर में किया जाएगा।

29 सितंबर को मेले के शुभारंभ के अवसर पर उत्तराखंड सरकार के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के प्रवचन एवं आध्यात्मिक सभा होगी, जिसमें 10 हजार से अधिक अनुयायी पहुंचने की संभावना है। सुबह कलश यात्रा में हजारों महिलाएं सहभागिता करेंगी। शुभारंभ के साथ मेले में विभिन्न प्रतियोगाओं की शुरुआत होगी। जिसमें पर रसिया दंगल, महिला लोकगीत, विराट कुश्ती दंगल, जिकड़ी भजन जैसी प्रतियोगिताएं बिसरती परंपराओं को जीवंत करेंगी। उन्होंने बताया कि आगरा से मेला में जाने के लिए बसें भी चलायी जाएंगी।

संयोजक डॉ प्रशांत गुप्ता(प्रधानाचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज) ने बताया कि मेले में प्रतियोगिताओं के अलावा राष्ट्रीय कवि सम्मेलन, जोकि 30 सितंबर को होगा। इसमें विष्णु सक्सेना, शशिकांत यादव, अजय अंजाम, मनवीर मधुर जैसे दिग्गज कवि आएंगे।

एकात्ममानव दर्शन, पं.दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय पर विचार, विश्व पर्यावरण संरक्षण पर गोष्ठी होगी। राज्य महिला आयोग सदस्य एवं मेला सहमंत्री निर्मला दीक्षित ने बताया कि राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका विषय पर संगोष्ठी भी मेला में होगी। साथ ही बृज श्रीसम्मान एवं संत समागम भी मुख्य आकर्षण होंगे। चारों दिन कार्यक्रम प्रातः से लेकर मध्य रात्री तक चलेंगे।

प्रथम दिन ये होंगे आयोजनसंस्कृति विभाग के सहयोग से लोकगायन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम। आध्यात्मिक प्रवचन सभा एवं संकीर्तन, विद्या मंदिरों के विद्यार्थियों द्वारा रंगमंचीय कार्यक्रम, रसिया दंगल होंगे।

द्वितीय दिवस पर कार्यक्रमहवन, जन्मोत्सव, बधाई गीत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, नाट्य प्रस्तुति पडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन पर आधारित, ध्येय गीत, उत्तर प्रदेश के जनपदों की कला पर आधारित कार्यक्रम, एकात्ममानव दर्शन विषय पर गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम (बृजवंदना, महारास, घरकुला, मयूर नृत्य, फूलों की होली एवं अन्य जनपदीय लोक नृत्य), राष्ट्रीय कवि सम्मलेन होगा।

तृतीय दिवस पर होगा गौ पूजन और कुश्तीकामधेनु गौशाला दीनदयाल धाम पर गौ पूजन एवं स्वस्थ गौवंश प्रतियोगिता, राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय पर विचार, श्रीराम स्वरूप सज्जा प्रतियोगिता, विश्व पर्यावरण संरक्षण पर गोष्ठी एवं परिचर्चा, महिला लोकगीत प्रतियोगिता, विराट कुश्ती दंगल होगा। मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सांस्कृतिक कार्यक्रम, डांडिया नृत्य एवं गायन (संगीतमय प्रस्तुति), श्री राधा कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों पर आधारित झांकियां, भजन होंगे।

चतुर्थ दिवस पर होंगे सम्मान समारोहमेधावी छात्र सम्मान, बृज श्री सम्मान एवं संत समागम, राष्ट्र निर्माण में मातृ शक्ति की भूमिका विषय पर गोष्ठी, किसान एवं ग्रामीण विकास संगोष्ठी, सहयोगी संस्थाओं, स्टॉल धारकों, समस्त कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिता के विजेताओं का सम्मान होगा। मेले का सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन होगा।
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