यूपी – Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में ऐसा महापाप…जीते जी त्याग दिए मां-बाप, वृद्धाश्रम में ली शरण; रो पड़े बुजुर्ग – INA

पितृपक्ष में जहां अपनों के तर्पण श्रद्धा के साथ किए जा रहे हैं, वहीं 5 बुजुर्गों को उनकी ही संतान ने जीते जी त्याग दिया। वे किसी तरह रामलाल वृद्धाश्रम पहुंचे। वहां गैरोें ने जब संभाला तो रो पड़े। वृद्धाश्रम में ऐसे 300 से अधिक बुजुर्ग अपने दिन काट रहे हैं।

 


पितृपक्ष शुरू होते ही सिकंदरा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम में दान-पुण्य करने वालों की कतार लग रही है। चार दिनों में रामलाल वृद्धाश्रम में 5 बुजुर्ग शरण लेने पहुंचे। आश्रम के अध्यक्ष शिवप्रसाद शर्मा ने बताया कि बुजुर्गों की ऐसी हालत देख मन करुणा से भर जाता है। उन्होंने बताया कि हर दिन बुजुर्ग अपनों और अपने घर को याद कर रो पड़ते हैं।

 


बेटा खुद को पड़ोसी बता छोड़ गया
भगवान टॉकीज निवासी राम प्रकाश ने बताया कि बहू ने सेवा करने से मना कर दिया तो बेटा खुद को पड़ोसी कहकर आश्रम के गेट पर छोड़ गया। दुख तो बहुत हुआ लेकिन जिसमें बेटे की खुशी वही मंजूर है।

 


स्टेशन पर मांगती थी भीख
फतेहपुर निवासी सरस्वती ने बताया कि 80 वर्ष की उम्र में स्टेशन पर भीख मांगने को मजबूर थी। कोई सहारा नहीं था। पुलिस वाले आश्रम में छोड़ गए।

 


हर दिन देते थे ताना
 जबलपुर के रहने वाले राम स्वरूप ने कहा कि बीमार होने के बाद कोई हाथ नहीं लगाता था। हर दिन बहू-बेटे ताना देते थे। उनकी खुशी के लिए घर छोड़ भटकते हुए आश्रम तक पहुंचे।

 


बीमार पड़ा तो छोड़ दिया
दौरेठा निवासी हरीश कुमार शर्मा ने बताया कि शादी की नहीं और जिंदगी अपनों के नाम कर दी। बीमार पड़ा तो बहन-भाई आश्रम की दहलीज पर छोड़ गए। किसी ने मुड़कर नहीं देखा।

 


जान के दुश्मन बन गए
मई गांव की रहने वाली रजनी ने बताया कि पति की मौत के बाद से 7 बीघा खेत के लिए अपने ही जान के दुश्मन बन गए। भाई अपने साथ रखना नहीं चाहता था। वृद्धाश्रम में छोड़ गए।
 


Credit By Amar Ujala

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