खबर शहर , UP News: पीलीभीत में 13 दिन चला अभियान… पकड़ा गया खूंखार बाघ; हमलाकर ग्रामीण की ली थी जान – INA

कलीनगर में दहशत का पर्याय बने बाघ को 13 दिन चले अभियान के बाद आखिरकार पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) प्रशासन ने पकड़ लिया। सोमवार सुबह करीब चार बजे डीएफओ मनीष सिंह के नेतृत्व में बाघ को बेहोश कर पकड़ गया। अब उसे जंगल में सुरक्षित स्थान पर रखकर निगरानी की जा रही है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज के अंतर्गत नौ सितंबर को कलीनगर के बांसखेड़ा गांव निवासी केदारी लाल को बाघ ने हमला कर मार डाला था। केदारी लाल खेत में फसल की रखवाली करने गए थे। उसी वक्त घटना हुई थी। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने माधोटांडा-पीलीभीत मार्ग पर शव रखकर विरोध जताया था। इसके बाद पीटीआर के अफसर गंभीर हुए और बाघ को पकड़ने के लिए विभागीय मुख्यालय से अनुमति ली।

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बाघ को पकड़ने के 13 दिन पहले प्रयास शुरू किए गए, लेकिन बाघ विभाग के कब्जे में नहीं आया। तीन दिन पूर्व जंगल में पिंजरा लगाने के साथ मवेशियों को भी बांधा गया। सोमवार सुबह करीब चार बजे डीएफओ मनीष सिंह के नेतृत्व में ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार समेत टीम ने अभियान शुरू किया।

टीम को पहली ही डॉट में बाघ को बेहोश करने में सफलता मिल गई। बेहोश होने के बाद बाघ को जंगल में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया, जहां उसकी निगरानी शुरू कर दी गई। अभी उसको छोड़ने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।


नर बाघ की आठ साल बताई जा रही उम्र
पकड़ा गया बाघ नर है। उसकी उम्र करीब आठ साल बताई जा रही है। अफसरों का कहना है कि पीटीआर में अब तक पकड़े गए बाघों में यह बाघ सबसे अधिक वजन का है। इसी के चलते बाघ को उठाने में टीम को काफी मशक्कत करना पड़ी। करीब 20 सदस्य बाघ को उठाकर रेस्क्यू वाहन तक लाए।

सात किलोमीटर दायरे में दहशत का पर्याय बना था बाघ
हमलावर बाघ की कई माह से कलीनगर तहसील क्षेत्र के छह गांवों में दहशत थी। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि करीब सात किलोमीटर दायरे में बाघ चहलकदमी करता था। पूर्व में भी कई हमले की घटनाएं सामने आईं थीं, लेकिन नौ सितंबर को हुई घटना के बाद विभाग गंभीर हुआ और सोमवार तड़के बाघ को पकड़ लिया गया।

डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह बाघ को पकड़ लिया गया। सुरक्षित स्थान पर ले जाकर देखरेख की जा रही है। बाघ स्वस्थ है। विभागीय निर्णय के बाद उसे जंगल में छोड़ने पर अमल किया जाएगा।


एक और बाघ जंगल से बाहर आया  

ग्रामीणों को मारने वाले बाघ को बेहोश कर पकड़ लिया गया, लेकिन जंगल से निकला दूसरा बाघ सोमवार को पानी में तैरकर शारदा डैम के सर्विस मार्ग पर पहुंच गया। बाघ ने नगरिया खुर्द कला निवासी अमोलय मंडल (40) पर हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए सीएचसी ले जाया गया।

घटना की जानकारी के बाद ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जुट गई। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ सर्विस मार्ग की झाड़ियों में काफी देर बैठा रहा। उसके लौटने के लिए सिर्फ पानी का लंबा रास्ता है। दूसरी ओर आबादी है। ऐसे में खतरा बरकरार है। सूचना वन विभाग की टीम को दी गई है।


Credit By Amar Ujala

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